जिस विराट कोहली को उनके फैंस किंग कहते हैं, लेकिन वे 2024 बुरी तरह संघर्ष कर रहे हैं. पर्थ के शतक को छोड़ दें तो वे सिर्फ एक बार ही 50 रन का आंकड़ा पार कर सके हैं. ऐसे में क्रिकेट एक्सपर्ट कोहली को बैटिंग स्ट्रेटजी और स्टाइल बदलने की सलाह दे रहे हैं. खासकर नई गेंद के खिलाफ, जिस पर वे शॉट खेलने की कोशिश करते हैं. कोहली, इस बारे में अपने फैब-4 के साथी स्टीव स्मिथ से भी सबक लेते हैं.
विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछली 5 पारियों में 4 बार स्लिप के फील्डर या विकेटकीपर द्वारा लपके गए हैं. सिर्फ यही समानता नहीं है. कोहली जिन गेंदों पर आउट हुए, वे गुडलेंथ स्पॉट से थोड़ी पहले पिच हुईं और अच्छी उछाल के साथ कोहली तक पहुंचीं. चेतेश्वर पुजारा कहते हैं कि कोहली इन गेंदों को छोड़ भी सकते थे लेकिन उन्होंने ड्राइव की कोशिश की. यह कोई नई बात भी नहीं है. कोहली इस शॉट से खूब रन बनाते रहे हैं. लेकिन ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर ज्यादा उछाल है. इसलिए उन्हें कम से कम इस दौरे पर यह शॉट खेलने से बचना चाहिए. खासकर जब गेंद नई हो. गेंद पुरानी होने पर कोहली यही शॉट खेलकर ढेरों रन बनाएंगे.’
विराट कोहली इस बारे में स्टीव स्मिथ की ब्रिस्बेन की पारी से भी सबक ले सकते हैं. स्मिथ ने इस शतक से पहले 2024 में 7 टेस्ट की 13 पारियों में सिर्फ 232 रन बनाए थे. ब्रिस्बेन में शतक बनाने से पहले वे इस साल सिर्फ एक बार 40 रन पार कर पाए थे. जिसने भी ब्रिस्बेन टेस्ट में स्टीव स्मिथ को खेलते देखा है, वह जानता है कि उन्होंने इस मैच में नई गेंद से ऐसी दूरी बना रखी हो, जैसे वह कोई नागिन हो. जसप्रीत बुमराह, आकाश दीप और मोहम्मद सिराज ने नई गेंद से अच्छी गेंदबाजी की थी, लेकिन स्मिथ उन्हें सिर्फ सम्मान देते रहे. उन्होंने इनकी गेंदों को तभी खेला जब वे स्टंप्स के आसपास थीं. बाकी गेंदों को उन्होंने ऋषभ पंत के दस्तानों में जाने दिया.
स्टीव स्मिथ ने ब्रिस्बेन टेस्ट में 10 रन बनाने के लिए 34 गेंदें खेलीं. उन्होंने 20 रन का आंकड़ा तब पार किया जब 50वीं गेंद खेली. फिफ्टी पूरी करने के लिए 128 गेंदों का सामना किया और शतक 185 गेंदों पर ठोक दिया. यानी उन्होंने 50 से 100 रन तक पहुंचने के लिए 57 गेंदें खेलीं.
कूकाबूरा गेंद को पुरानी होने दें
स्टीव स्मिथ की बैटिंग से साफ है कि अगर आप नई गेंद से छेड़खानी ना करें. उसे सम्मान देकर विकेटकीपर के पास जाने दें. शुरू में क्रीज पर समय बिताने पर ध्यान दें, ना कि रन बनाने पर. चेतेश्वर पुजारा कहते हैं कि कूकाबूरा की गेंद 40 ओवर के बाद स्विंग होना बंद कर देती है. यह वो वक्त है जब विराट अपनी मर्जी से रन बना सकते हैं. विराट को इस वक्त का इंतजार करना चाहिए.
स्टीव स्मिथ से सबक लेने की सलाह
हरभजन सिंह ने स्टीव स्मिथ से सबक लेने की सलाह दी. उन्होंने कहा, ‘हमने इसी मैच में देखा कि स्टीव स्मिथ ने नई गेंदों को कैसे छोड़ा. वे गेंद तब तक छोड़ते रहे, जब तक यह पुरानी नहीं पड़ गई. भारतीय बैटर्स को भी ऐसा ही करना होगा. जब आप गेंद छोड़ते हो तो बॉलर को प्लान बदलने को मजबूर करते हो. पहले गेंदबाज आपको बाहर खींचने की कोशिश करता है. जब आप उसके झांसे में नहीं आते तो वह आपके करीब गेंद फेंकता है. यह वो मौका होता है जब आप रन बना सकते हो.’