Income Tax notice to laborer: राजीव कुमार ने जनवरी, 2015 में कॉर्पोरेशन बैंक की गया ब्रांच में 2 लाख रुपये की एफडी कराई थी। लेकिन समय से पहले पैसे निकाल लिए थे।
बिहार के गया जिले में एक शख्स इन दिनों इनकम टैक्स विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। 10,000 रुपये की प्राइवेट नौकरी करने वाले को इनकम टैक्स विभाग ने 2 करोड़ का नोटिस थमा दिया है। पीड़ित शख्स की पहचान राजीव कुमार के रूप में हुई है। राजीव का कहना है कि वो महीने के 10,000 रुपये कमाते हैं। इतनी बड़ी रकम के बारे में मैंने जिंदगी में सोचा भी नहीं है। इस नोटिस से राजीव का पूरा परिवार में सदमे में डूब गया है। अब उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि आगे क्या होगा।
राजीव ने बताया कि वो मामूली मजदूर हैं। हमें रोज कमाना खाना है। राजीव पिछले चार दिनों से लगातार इनकम टैक्स विभाग के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। राजीव ने बताया कि अगर वो पूरी जिंदगी मजदूरी करते रहें, तब भी वह इतनी बड़ी रकम कभी नहीं कमा पाएंगे।
ऐसे मिला 2 करोड़ का नोटिस
राजीव ने बताया कि 22 जनवरी 2015 को कॉर्पोरेशन बैंक (गया ब्रांच) में 2 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट कराया था। जिसे उन्होंने 16 अगस्त 2016 को मैच्योरिटी से पहले ही निकाल लिया था। इसके बावजूद उन्हें इनकम टैक्स विभाग से 2 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा गया है। नोटिस में बताया गया है कि साल 2015-16 में राजीव ने 2 करोड़ रुपये का फिक्स डिपॉजिट कराया था। जिसका रिटर्न फाइल नहीं किया गया है। इसके साथ ही टैक्स की राशि भी जमा नहीं की गई है। राजीव से दो दिन के भीतर 67 लाख रुपये जुर्माना भरने को कहा गया है। राजीव का कहना है कि मुझे इनकम टैक्स से जुड़ी किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं है। इनकम टैक्स विभाग से राजीव को बताया गया कि यह शायद तकनीकी गलती हो सकती है। उन्हें अपील फाइल करने की सलाह दी गई है। अगर यह गलती पाई जाती है, तो अपील के जरिए इसे सुधारा जा सकता है।
क्या है विकल्प
ऐसे किसी भी व्यक्ति के पास अगर गलत तरीके से नोटिस आता है तो इनकम टैक्स विभाग के पास अपील करना चाहिए। विभाग को अपनी आमदनी और बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी देनी चाहिए। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति को अपने बैंक स्टेटमेंट, पैन कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेज जमा करने की जरूरत रहती है।