TDS Rule Change: नया इनकम टैक्स बिल 2025 के आने से टैक्स डिडक्टेबल एट सोर्स यानी TDS को लेकर एक नियम बदल गया है. बिल में ‘no deduction’ शब्द को हटा दिया गया है. इस बदलाव का असर ये होगा कि अब ‘nil TDS certificate’ यानी जीरो TDS कटौती वाला सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा. अब ये मिलना बंद होगा तो आप पर क्या असर पड़ेगा, इसके बाद TDS क्लेम कैसे होगा. चलिए हर बात जानते हैं जिसका असर NRI टैक्सपेयर्स पर भी लागू होगा. हालांकि बिल अभी कानून नहीं बना है.
जीरो TDS सर्टिफिकेट
अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में नहीं हैं, मतलब आपको कोई टैक्स नहीं भरना होता. लेकिन मान लीजिए कि आपका 20,000 का TDS कटता है. तो इस मामले में आप ऑनलाइन जीरो TDS सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई कर सकते थे और अगर वो मिल जाता है, तो आपकी इनकम से TDS नहीं कटता था और ना ही आपको टीडीएस क्लेम करने के लिए कोई आईटीआर भरना होता था. ये कमाल जीरो टीडीएस सर्टिफिकेट से होता था.
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तो अब क्या बदल गया
नए बिल के मुताबिक अब ऐसा सर्टिफिकेट ही नहीं मिलेगा. यानी भले ही आपको कोई टैक्स नहीं देना होता फिर भी अगर आपका TDS कटता है तो आप जीरो टीडीएस सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई नहीं कर सकते.
हां आप अभी भी लोअर टीडीएस सर्टिफिकेट ले सकते हैं. ऐसा तब होता है जब आपकी टैक्स देनदारी TDS की रकम से कम हो.
जब TDS कटेगा तो मिलेगा कैसे
अब जीरो टीडीएस सर्टिफिकेट की सुविधा तो बंद हो जाएगी इसलिए TDS क्लेम करने के लिए आपको ITR ही फाइल करना होगा ताकि आपको रिफंड मिल सके. अब भले इससे आप लोगों पर आईटीआर फाइल करने का बोझ बढ़ेगा, TDS का पैसा कुछ समय आपके पास नहीं रहेगा लेकिन इससे टैक्स सिस्टम ज्यादा पारदर्शी बनेगा और टैक्स बेस बढ़ेगा, यानी ज्यादा से ज्यादा लोगों की इनकम ट्रैक हो सकेगी और कोई इधर-उधर की कमाई नहीं छुपा सकेगा.
