नई दिल्ली – मानव अधिकार आयोग ने राजस्थान रोडवेज के चेयरमैन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बसों में यात्री सुविधाओं और सुरक्षा उपायों से जुड़ी शिकायतों का त्वरित समाधान किया जाए। यह आदेश राजस्थान के ग्राम खिन्नोट के समाजसेवी रामेश्वर दयाल की शिकायत पर जारी किया गया है, जिन्होंने करीब चार महीने पहले मानव अधिकार आयोग से संपर्क किया था।
शिकायत में उन्होंने बताया कि राजस्थान रोडवेज की अधिकांश बसों के खिड़कियों पर अनधिकृत स्टिकर लगे हैं, जिससे बस में प्रकाश व्यवस्था बाधित होती है। साथ ही, यात्रियों के लिए प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स की अनुपलब्धता, सीटों का स्पष्ट प्रचार न होना और महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों का अभाव भी प्रमुख मुद्दे हैं। इसके अतिरिक्त, धौलपुर के बाडी बस स्टॉप पर बिना ब्रांड वाली दवाइयां बेचे जाने की शिकायत भी दर्ज कराई गई थी, जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
मानवाधिकार आयोग ने इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए, 2 जुलाई, 2025 को अपने सहायक रजिस्ट्रार (कानून) द्वारा राजस्थान रोडवेज के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया। आयोग ने स्पष्ट किया है कि संबंधित प्राधिकारी इस शिकायत को संज्ञान में लेकर, पीड़ित को शामिल करते हुए, 8 सप्ताह के भीतर उचित कार्रवाई करें और जनता को इस कार्रवाई की जानकारी प्रदान करें।
इस आदेश के बाद आमजन का मानना है कि यदि प्रभावी कदम उठाए गए तो इससे यात्री सुविधाओं में सुधार होगा और मानव अधिकारों का उल्लंघन रुक सकेगा। रामेश्वर दयाल ने कहा है कि वह हमेशा जनहित के मुद्दे उठाते रहेंगे ताकि मानव अधिकारों का संरक्षण हो सके और आम जनता को राहत मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक करीब 20 मामलों में जिला कलेक्टर को भी आयोग से निर्देश मिल चुके हैं, जिन पर कार्रवाई अभी लंबित है।
मानव अधिकार आयोग का यह कदम राजस्थान रोडवेज और संबंधित अधिकारियों के लिए एक जरूरी संदेश है कि जनता की शिकायतें अनदेखी नहीं की जाएंगी, और मानव अधिकारों का संरक्षण प्राथमिकता है।
