अमेरिका ने इजराइल को बड़ा झटका दिया है. जिसके बाद गाजा पर 19 महीनों से जारी इजराइल की बमबारी के बाद भी वहां से हमास का शासन खत्म होना नामुमकिन हो गया है. खबरों के मुताबिक गाजा युद्ध विराम की जारी कोशिशों में ट्रंप प्रशासन ने हमास के निरस्त्रीकरण मांग वापस ले ली है. जो इजराइल के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
इजराइल शुरू से मांग करता आ रहा है कि हमास हथियार छोड़ दे और गाजा में या तो अमेरिका का कंट्रोल हो या फिलिस्तीन अथॉरिटी (PA) का. हमास ने इस शर्त को मानने से इंकार कर दिया था और इजराइल की गाजा से पूर्ण वापसी की अपनी शर्त पर अड़ा रहा था.
Skin Care Tip: अपनाएं ये टिप्स…….’गर्मी में हीटवेव के कारण स्किन हो सकती है डैमेज……
अमेरिकी का नीति में बदलाव!
द न्यू अरब की साइट अल-अरबी अल-जदीद की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी वार्ताकारों ने मिस्र के मध्यस्थों को बताया कि हमास के निरस्त्रीकरण के मुद्दे को युद्ध विराम समझौते के लिए तत्काल आवश्यकता होने के बजाय बाद में हल किया जा सकता है.
वार्ता से परिचित एक मिस्री सूत्र ने अल-अरबी अल-जदीद को बताया कि अमेरिकी अधिकारियों ने हमास के हथियार छोड़ने की मांग गाजा में फिलिस्तीनी हथियारों, विशेषकर हमास के हथियारों के आत्मसमर्पण को युद्ध विराम समझौते से अलग करने में सहमति जताई है.
21 इजराइली बंदियों को रिहा कराना प्राथमिकता
ट्रंप के इस फैसले से जाहिर हुआ है कि अमेरिका की प्राथमिकता 21 जिंदा इजराइली बंधकों को रिहा कराने की है. जबकि इजराइल पीएम नेतन्याहू गाजा से हमास के खात्मे पर जोर देते आए हैं. गाजा में अभी भी लगभग 21 जीवित बंदी हमास के पास हैं, जिनकी रिहाई के लिए ये कदम अहम साबित हो सकता है. साथ ही इस डील होने के बाद गाजावासियों को कुछ राहत मिलेगी जो पिछले 19 महीनों से, प्रतिबंध और बमबारी झेल रहे हैं. बता दें, इस युद्ध में 50 हजार से फिलिस्तीनियों की जान जा चुकी हैं.
