बर्लिन। जर्मनी सोमवार को गांजा (Cannabis) को वैध बनाने वाला सबसे बड़ा यूरोपीय देश बन गया। जर्मन सरकार के इस फैसले पर सभी विपक्षी नेताओं सहित चिकित्सा संघों ने तीखी आपत्ती दर्ज करवाई थी, लेकिन इसके बावजूद गांजा को देश में वैध बना दिया गया।
नए कानून के पहले चरण के तहत 18 साल से ज्यादा उम्र के वयस्कों को अब 25 ग्राम सूखा गांजा ले जाने और घर पर तीन मारिजुआना पौधों की खेती करने की अनुमति है।
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माल्टा-लक्जमबर्ग के बाद जर्मनी तीसरा देश
इस एक फैसले ने जर्मनी को माल्टा और लक्जमबर्ग जैसे यूरोपीय देशों की कतार में खड़ा कर दिया है, जहां क्रमशः 2021 और 2023 में मनोरंजक इस्तेमाल के तहत गांजे को वैध कर दिया था। वहीं, दूसरी तरफ नीदरलैंड जो ड्रग्स के प्रति अपने उदार रवैये के लिए जाना जाता है, ने हाल के वर्षों में गांजे को लेकर देश में सख्त रुख अपनाया है।
युवाओं ने खुशी मनाते हुए ज्वाइंट बना गांजा पिया
जर्मन सरकार ने जैसे ही इस कानून को आधी रात को लागू किया सैकड़ों की तादात में लोगों ने राजधानी बर्लिन के प्रतिष्ठित ब्रांडेनब्रुग गेट पर खुशी मनाई। कई लोगों ने तो खुशी मनाते हुए वहां ज्वाइंट बनाकर गांजा पिया। 25 साल के युवा नियाजी ने खुशई मनाते हुए कहा कि यह हमारे लिए थोड़ी एक्ट्रा आजादी है।
कैनबिस क्लब के जरिए कानूनी रूप से बेचा जाएगा गांजा
इसके अलावा जर्मन सरकार ने कहा है कि कानूनी सुधार के अगले चरण में 1 जुलाई से देश में ‘कैनबिस क्लब’ के जरिए कानूनी रूप से गांजा खरीदा जा सकेगा। इन कैनबिस क्लबों में 500 सदस्यों को रखने की अनुमति होगी, जो प्रति व्यक्ति को हर महीने 50 ग्राम तक गांजा दे सकेंगे।
दूसरे कानून पर विचार कर रही जर्मन सरकार
लाइसेंस प्राप्त दुकानों के जरिए गांजा बेचने की शुरुआती योजना यूरोपीय संघ के विरोध के कारण रद्द कर दी गई है। हालांकि पायलट क्षेत्रों में दुकानों में गांजे की बिक्री का परीक्षण करने के लिए एक दूसरे कानून पर विचार चल रहा है।
