विश्व के सबसे बड़े साहित्योत्सव में 175 भाषाओं-बोलियों के 1100 से अधिक लेखक विद्धान और विशिष्ट सम्मानित शख्सियतों की सहभागिता के साथ साहित्य अकादमी के परिसर, नई दिल्ली में 11-16 मार्च,2024 आयोजित हुआ। 190 से ज्यादा सत्रों के आयोजन में विभिन्न भाषा-भाषी और विविध विषयों के प्रसिद्ध कवि लेखक साहित्यकार और विद्वतजन अपने-अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
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बहुभाषी भारत एक जीवंत परंपरा के तहत देशभर की मातृभाषाओं और बोलियों के अस्तित्व पर मंडराते संकट के कारण लुप्त और मृतप्राय होने से बचाने के लिए साहित्य अकादमी दिल्ली के साहित्य उत्सव द्वारा इस बार देश भर के विभिन्न भाषा-भाषी आदिवासी और गैर आदिवासी भाषाओं के कलमकारों को विशेष रूप से आमंत्रित कर उनकी मातृभाषाओं को दर्ज किया गया हैं।
पुस्तक के साथ-साथ अन्य पत्र-पत्रिकाओं में 60 से अधिक शोध आलेख प्रकाशित हुए है। डॉ हीरा मीणा आदिवासी समुदायों की मातृभाषा, अस्मिता, परंपराएं, संस्कृति, इतिहास, जनचेतना आदि के साथ देश की जनगणना में ट्राइबल कॉलम को लागू करवाने की जमीनी स्तर पर मुखरता से पहचान करवा रही हैं।