एलुमिनियम और तांबे के बेयर और वाइंडिंग तार और स्ट्रिप तैयार करने वाली डिवाइन पावर (Divine Power) के शेयरों की आज NSE के SME प्लेटफॉर्म पर धांसू एंट्री हुई। खुदरा निवेशकों के दम पर इसके आईपीओ को ओवरऑल 393 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 40 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज NSE SME पर इसकी 155 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 287.5 फीसदी का लिस्टिंग गेन (Divine Power Listing Gain) मिला। हालांकि आईपीओ निवेशकों की खुशी थोड़ी ही देर में गायब हो गई जब शेयर टूट गए। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर यह 162.75 रुपये (Divine Power Share Price) के अपर सर्किट पर पहुंच गया यानी कि आईपीओ निवेशक अब 306.88 फीसदी मुनाफे में हैं।
Divine Power IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस
डिवाइन पावर का ₹22.76 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 25-27 जून तक खुला था। खुदरा निवेशकों के दम पर इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 393.67 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 135.84 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 473.74 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 507.94 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 56.90 लाख नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा।
वर्ष 2001 में बनी डिवाइन पावर एनर्जी एलुमिनियम और तांबे के बेयर और वाइंडिंग तार और स्ट्रिप तैयार करती है। इसके प्रोडक्ट्स की बिक्री पंजाब, बंगलुरु और गुजरात में होती है। अब इसे महाराष्ट्र में विस्तार की काफी संभावनाएं दिख रही हैं। यह वाइंडिंग वायर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों और ट्रांसफॉर्मर बनाने वाली कंपनियों को बेचती है। इसके क्लाइंट्स टाटा पावर, पश्मिांचल विद्युत वितरण निगम, बीएसईएस, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम, पूर्वांचल वितरण निगम, उत्तराखंड विद्युत पावर कॉरपोरेशन इत्यादि हैं। इसकी मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी दिल्ली-एनसीआर के साहिबाबाद में है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 80.51 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 2.85 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 6.41 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 34 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 122.90 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।