केंद्र सरकार लगातार किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने एक अहम फैसला लिया है, जिसमें प्याज के निर्यात पर लगने वाले न्यूनतम मूल्य सीमा को खत्म कर दिया गया है। अब प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य नहीं लगेगा।
सरकार ने पहले न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी एमईपी 550 डॉलर प्रति टन तय किया था। इसका मतलब था कि किसान इस दर से कम पर अपनी उपज विदेशों में नहीं बेच सकते थे। डीजीएफटी ने शुक्रवार को जारी अधिसूचना के जरिये तत्काल प्रभाव से एमईपी को हटा दिया। यह कदम महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले उठाया गया है, जो प्याज का प्रमुख उत्पादक राज्य है। इस कदम से प्याज के निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी डीजीएफटी ने अधिसूचना में कहा, ‘‘प्याज के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) की शर्त तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक हटा दिया गया है।”
प्याज की खुदरा बिक्री का पहला चरण शुरू
इस प्रमुख रसोई के खाद्य सामग्री की उच्च खुदरा कीमतों के बावजूद प्याज पर एमईपी को हटाने का निर्णय लिया गया है। उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को प्याज का अखिल भारतीय औसत मूल्य 50.83 रुपये प्रति किलोग्राम था, जबकि मॉडल मूल्य 50 रुपये प्रति किलोग्राम है। प्याज का अधिकतम मूल्य 83 रुपये प्रति किलोग्राम है और न्यूनतम मूल्य 28 रुपये प्रति किलोग्राम है। केंद्र ने पांच सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और मुंबई के उपभोक्ताओं को प्याज की बढ़ती कीमतों से राहत देने के लिए 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज की खुदरा बिक्री का पहला चरण शुरू किया।
प्याज का बफर स्टॉक
राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ यानी एनसीसीएफ और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ यानी नेफेड ने अपने स्टोर और मोबाइल वैन के माध्यम से खुदरा बिक्री शुरू कर दी है। ये सरकार की ओर से 4.7 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बनाए हुए हैं।
किसानों और व्यापारियों के पास होने की रिपोर्ट
पिछले सप्ताह, उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि आने वाले महीनों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों का परिदृश्य, सकारात्मक बना हुआ है। इसका कारण खरीफ (गर्मी) की बुवाई का रकबा पिछले महीने तक 2.9 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 1.94 लाख हेक्टेयर था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, लगभग 38 लाख टन प्याज का भंडार अभी भी किसानों और व्यापारियों के पास होने की रिपोर्ट है।