आज के डिजिटल दौर में UPI पेमेंट हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है। लेकिन अब साइबर ठगों की नजर आपके इन पेमेंट्स पर है। मार्केट में ऐसे फेक मोबाइल ऐप्स आ गए हैं जो दिखने में असली GPay, PhonePe या Paytm जैसे लगते हैं लेकिन असल में ये आपको चूना लगाने के लिए बनाए गए हैं।
➤ नकली ऐप्स का जाल कैसे बिछाया जा रहा है?
ठग ऐसे ऐप्स बना रहे हैं जिनका यूजर इंटरफेस (UI) असली ऐप जैसा ही दिखता है। ये ऐप न सिर्फ स्क्रीन पर फेक ट्रांजेक्शन दिखाते हैं बल्कि ट्रांजेक्शन सफल होने का झूठा नोटिफिकेशन भी देते हैं जैसे कि असली पेमेंट हुआ हो लेकिन असल में आपके अकाउंट में एक रुपये का भी लेन-देन नहीं होता।
ये खास ड्रिंक…….’गर्मियों में आपको भी आते हैं चक्कर तो खाली पेट पिएं……
➤ क्यों हो रही है लोगों से ठगी?
इन फर्जी ऐप्स में इतनी सफाई से ट्रांजेक्शन इफेक्ट दिखाया जाता है कि आम आदमी को पता भी नहीं चलता कि वह ठगा गया है। खासकर जब दुकानदार या व्यापारी व्यस्त होता है और पेमेंट की पुष्टि नहीं कर पाता तो आसानी से धोखा खा जाता है।
➤ कैसे बचें इस नए डिजिटल फ्रॉड से?
यहाँ कुछ ज़रूरी सावधानियां दी गई हैं जिन्हें अपनाकर आप इस तरह की ठगी से खुद को और अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं:
1. ट्रांजेक्शन हिस्ट्री खुद चेक करें
– सिर्फ स्क्रीनशॉट या नोटिफिकेशन पर भरोसा न करें। हमेशा ऐप में जाकर ट्रांजेक्शन कन्फर्म करें।
2. अनजाने ऐप्स से रहें सतर्क
– किसी अनजान या अजीब दिखने वाले ऐप से पेमेंट मांगने पर सतर्क हो जाएं। हो सके तो ट्रांजेक्शन को खुद से पूरा करें।
3. ट्रांजेक्शन डिटेल्स गौर से देखें
– फेक ऐप्स में अक्सर तारीख, समय या ट्रांजेक्शन आईडी में गड़बड़ी हो सकती है।
4. जल्दबाज़ी में निर्णय न लें
– अगर सामने वाला पेमेंट को लेकर दबाव बना रहा है तो सतर्क हो जाएं। जल्दबाज़ी में ठगी हो सकती है।
➤ व्यापारियों के लिए खास सुझाव
दुकानदार और व्यापारी सबसे ज्यादा निशाने पर होते हैं क्योंकि व्यस्त समय में वो पेमेंट वेरिफाई नहीं कर पाते। ऐसे में ये उपाय अपनाएं:
➤ कर्मचारियों को जागरूक करें
– उन्हें बताएं कि फेक ऐप्स कैसे काम करते हैं और ट्रांजेक्शन वेरिफिकेशन कितना ज़रूरी है।
➤ स्मार्ट वेरिफिकेशन अपनाएं
– फोनपे स्मार्ट स्पीकर या यूपीआई ऑथेंटिकेशन टूल्स का उपयोग करें जो केवल असली पेमेंट्स को ही अलर्ट करते हैं।
➤ संदिग्ध ऐप्स की रिपोर्ट करें
– अगर कोई व्यक्ति फर्जी ऐप से पेमेंट करने की कोशिश करे तो तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करें।
