ग्रांट थॉर्नटन इंडिया की एक सर्वे रिपोर्ट में टैक्सपेयर्स की प्राथमिकताओं और उम्मीदों को सामने लाया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, 57% व्यक्तिगत करदाताओं ने आगामी बजट में टैक्स में कटौती की मांग की है. करदाताओं का मानना है कि ऐसे कदमों से उनकी डिस्पोजेबल इनकम में इजाफा होगा.
मनीकंट्रोल की एक खबर के अनुसार, ग्रांट थॉर्नटन के अखिल चंदना ने बताया कि नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के तहत टैक्स डिडक्शन की सीमा बढ़ाने और निकासी नियमों में ढील देने से रिटायरमेंट सेविंग्स को प्रोत्साहन मिल सकता है. इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के उपयोग पर परक्विजिट टैक्सेशन को स्पष्ट करने और EV खरीद पर डिडक्शन की बहाली से हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा.
पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था पर करदाताओं की राय
सर्वे में यह भी सामने आया कि नई टैक्स व्यवस्था अपनाने वाले 72% लोगों में से 63% अभी भी पुरानी व्यवस्था में अधिक प्रोत्साहन चाहते हैं. 46% करदाताओं ने नई व्यवस्था को आकर्षक बनाने के लिए टैक्स दरों को कम करने का सुझाव दिया, जबकि 26% ने छूट सीमा बढ़ाने की मांग की.
आवासीय संपत्ति और अपील प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता
53% उत्तरदाताओं ने नई टैक्स व्यवस्था के तहत हाउस प्रॉपर्टी लॉस के सेट-ऑफ की अनुमति देने की मांग की, वहीं 47% ने पुरानी व्यवस्था में ₹2 लाख की सीमा को बढ़ाने या हटाने का आग्रह किया. दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए, COAI ने अपील निस्तारण के लिए समयसीमा तय करने और फॉर्म 26AS में विस्तृत डेटा समेकन जैसे सुधारों की सिफारिश की है. यह सर्वे करदाताओं की बढ़ती उम्मीदों को दर्शाता है, जिससे सरकार को बजट 2025 में अधिक ध्यान देने की जरूरत होगी.
