राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ है. कांग्रेस अपनी पांच सीटों में से सिर्फ दौसा में जीत हासिल कर सकी है. यहां 2300 वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार की जीत के बाद, बीजेपी उम्मीदवार जगमोहन मीणा ने रिकाउंटिंग की मांग की, जिसे कलेक्टर ने मान लिया है. जबकि बीजेपी पांच सीटें जीतने में सफल रही. उसे एकमात्र सलुंबर सीट पर कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा. यहां बीजेपी की शांता मीणा ने भारत आदिवासी पार्टी के जितेश कुमार कटारा को 1285 वोटों से हराया.
चौरासी सीट पर भारत आदिवासी पार्टी ने अपनी जीत बरकरार रखी है. यहां बीएपी के अनिल कुमार कटारा ने भाजपा के कारिलाल को 24370 वोटों के अंतर से हराया. उपचुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा. हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल खिंवसर से चुनाव हार गईं. यहां बीजेपी के रेवंत राम डांगा ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की कनिका बेनीवाल को 13901 वोटों के अंतर से हराया.
दौसा सीट पर कांग्रेस के दीन दयाल बैरवा के जीतने से सचिन पायलट का कद बढ़ा है. क्योंकि पायलट ने यहां दो दिनों तक उनके लिए धुआंधार प्रचार किया था. इस सीट से बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान की वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा 2300 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए हैं. इस नतीजे से किरोड़ी लाल मीणा की साख को तगड़ा झटका लगा है. देवली-उनियारा में बीजेपी के राजेंद्र गुर्जर को जीत मिली है. उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को 41121 वोटों के अंतर से हराया. कांग्रेस के कस्तूर चंद मीणा यहां तीसरे स्थान पर रहे.
झुंझुनू में भी निर्दलीय उम्मीदवार राजेंद्र गुढ़ा की वजह से कांग्रेस प्रत्याशी अमित ओला चुनाव हार गए. कांग्रेस के इस परंपरागत सीट पर बीजेपी के राजेंद्र भांबू को सबसे बड़ी जीत मिली है. राजेंद्र गुढ़ा ने 38751 वोट प्राप्त किए और तीसरे स्थान पर रहे. बीजेपी के राजेंद्र भांबू ने कांग्रेस के अमित ओला को 42848 वोटों के अंतर से हराया. सलूंबर में 2013 से बीजेपी जीतती आ रही थी और इस बार उसके विधायक अमृत लाल मीणा की मृत्यु की वजह से यह सीट खाली हुई थी.
बीजेपी ने अपने दिवंगत विधायक अमृत लाल मीणा की पत्नी शांता देवी को सलूंबर से टिकट दिया था. बीएपी के जितेश कुमार कटारा ने बीजेपी प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी और शांता देवी महज 1285 वोटों से जीत सकीं. रामगढ़ में भी बीजेपी की सुखवंत सिंह को जीत मिली है. यह सीट कांग्रेस के विधायक जुबैर खान की मृत्यु की वजह से खाली हुई थी. सुखवंत सिंह ने आर्यन जुबैर को यहां 13636 वोटों के अंतर से हराया.