Explore

Search
Close this search box.

Search

October 15, 2024 6:16 am

लेटेस्ट न्यूज़

Bharat Ratna Award: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न, मोदी सरकार की बड़ी घोषणा, विरोधी भी तारीफ करने पर हुए मजबूर

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

पीएम नरेंद्र मोदी बड़े फ़ैसलों के लिए जाने जाते रहे हैं. सादगी और ईमानदारी के प्रतीक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित किए जाने का बड़ा फ़ैसला लेकर मोदी सरकार ने बड़ा संदेश दिया है. दशकों से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग उठती रही है, उनकी जन्म शताब्दी से एक दिन पहले उन्हें भारत रत्न देने का ऐलान कर दिया गया है. मोदी सरकार के इस फैसले ने बिहार के सभी राजनीतिक दलों, जिनमें बीजेपी और पीएम मोदी के धुर विरोधी भी शामिल हैं, को उनकी प्रशंसा करने को भी मजबूर कर दिया है.

बिहार में महज़ दो फीसदी आबादी वाली हज्जाम (नाई जाति) में जन्म लेने वाले कर्पूरी ठाकुर सही मायनों में जननायक थे. गरीब, पिछड़े, मज़लूमों के मसीहा के रूप में उन्हें आज भी याद किया जाता है. देश की आज़ादी के आंदोलन में भूमिका निभाने के बाद 1952 में पहली बार सोशियलिस्ट पार्टी से विधानसभा का चुनाव जीतने वाले कर्पूरी ठाकुर कभी चुनाव नहीं हारे और दो बार सूबे के मुख्यमंत्री रहे. जीवन भर ग़ैर-कांग्रेसवाद की राजनीति करने वाले कर्पूरी ठाकुर को सूबे के पहले ग़ैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बनने का भी मौका मिला था. कहा तो ये भी जाता है उन्होंने ही मुख्यमंत्री रहते हुए अपने सचिवालय के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को लिफ्ट उपयोग करने देने का आदेश दिया था. इस तरह के फैसलों से समाज के आखिरी पायदान पर खड़े लोगों को ताक़त देने का संदेश दिया.

हर सफल व्यक्ति अपनी नाकामियों से ही कुछ न कुछ सीखता है।

बिहार मेे मैट्रिक में अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्म करने का श्रेय
बिहार में मैट्रिक में अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्म करने का श्रेय भी कर्पूरी ठाकुर को जाता है. उनके विरोधी इस बात के लिए उनकी आलोचना भी करते थे, लेकिन उनकी सोच थी कि एक भाषा के कारण बच्चों को आगे बढ़ने से नहीं रोका जा सकता है. बिहार आज शराब प्रतिबंधित राज्य है, लेकिन वहां पहली बार शराब को प्रतिबंधित करने का श्रेय भी कर्पूरी ठाकुर को ही जाता है. समाज के अति पिछड़ों की आवाज के रूप में उन्हें आज भी याद किया जाता है.

बेहद अदब से लिया जाता है कर्पूरी ठाकुर का नाम
बिहार की राजनीति में आज भी कर्पूरी ठाकुर का नाम बेहद अदब से लिया जाता है. लालू यादव, नीतीश कुमार राम विलास पासवान समेत अनेक नेताओं को कर्पूरी ठाकुर का ही शिष्य माना जाता है. अब ऐसे समय में जब बिहार की राजनीति को लेकर लगातार सस्पेंस जैसी स्थिति बनी हुई है, ये कयास लगाए जाते हैं कि नीतीश कुमार फिर खुद को असहज पा रहे हैं. ऐसे में क्या जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का फैसला भी किसी बड़े परिवर्तन का कारण बनता है, इस पर भी अब सभी की निगाहें रहेंगी. साथ ही बीजेपी के पास भी हमेशा के लिए गर्व के साथ ये कहने का मौका होगा कि अति-पिछड़ों के मसीहा जननायक को भारत रत्न घोषित किए जाने का ऐलान उनकी ही सरकार के दौरान हुआ.

Sanjeevni Today
Author: Sanjeevni Today

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर