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December 12, 2024 12:20 am

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अश्विनी वैष्णव- ‘कंटेंट क्रिएटर’ आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करने पर भारत का फोकस!

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भारतीय अंतररष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) का 55वां संस्करण 20 नवंबर 2024 को गोवा में भव्य उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ। केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो संदेश के माध्यम से उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि IFFI भारतीय फिल्म उद्योग के विकास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव बन गया है। उन्होंने कहा, “भारत एक जीवंत और तेजी से बढ़ती सामग्री सृजन अर्थव्यवस्था विकसित करने पर केंद्रित है।”

केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत कंटेंट क्रिएटर्स की अर्थव्यस्था को बढ़ावा देने पर फोकस कर रहा है, जिससे देश की समृद्ध धरोहर, संस्कृति, भाषाओं और साहित्यिक विविधता को वैश्विक स्तर पर दिखाया जा सके। एक वीडियो संदेश के जरिए वैष्णव ने कहा कि भारत तकनीकी और कंटेंट क्रिएटर्स के पारिस्थितिकीतंत्र के विकास के साथ मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

मंत्री ने भारत के रचनात्मक क्षेत्र को आर्थिक विकास में योगदान देने वाली एक गतिशील शक्ति बताया, जो देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा, “लोग भारत की विविध संस्कृतियों, व्यंजनों, समृद्ध विरासत और साहित्य एवं भाषाओं के रत्नों को रोचक और रचनात्मक तरीकों से प्रस्तुत करने वाली नवीन सामग्रियां बना रहे हैं।”

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तकनीक और सृजनात्मकता का संगम

अश्विनी वैष्णव ने कंटेंट क्रिएटर्स से आह्वान किया कि वे अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके ऐसी कहानियां रचें, जो वैश्विक दर्शकों के साथ जुड़ सकें और भारत की अनूठी पहचान को प्रतिबिंबित करें। उन्होंने कहा, “तकनीक के एकीकरण और एक सुदृढ़ सृजनात्मक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के साथ, हमें विश्वास है कि भारत का रचनात्मक क्षेत्र लगातार प्रगति करेगा।”

क्रिएटिव अर्थव्यवस्था की उपलब्धियां

मंत्री ने भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था की प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र अब 30 अरब डॉलर का हो चुका है, जो भारत की जीडीपी में 2.5% का योगदान देता है और देश की 8% कार्यबल को आजीविका प्रदान करता है। प्रभावशाली विपणन क्षेत्र (इन्फ्लूएंसर मार्केटिंग) की कीमत 3,375 करोड़ रुपये है, जिसमें 2 लाख से अधिक पूर्णकालिक कंटेंट क्रिएटर्स शामिल हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि गुवाहाटी, कोच्चि और इंदौर जैसे शहर रचनात्मक हब के रूप में उभर रहे हैं, जो देश में विकेंद्रीकृत सृजनात्मक क्रांति को गति दे रहे हैं।

WAVES पहल और भारतीय सिनेमा का वैश्विक प्रभाव

अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रचनात्मक उद्योगों के वैश्विक प्रभाव पर जोर देते हुए कहा कि यह केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि बॉलीवुड, क्षेत्रीय सिनेमा और अन्य सांस्कृतिक उत्पादों के माध्यम से भारत की वैश्विक सॉफ्ट पावर को भी मजबूत कर रहा है।

सरकार की पहल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) भारत को सामग्री सृजन और नवाचार में एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करने का एक ऐतिहासिक कदम है।

नए विचारों और साझेदारी का मंच

केंद्रीय मंत्री ने फिल्म प्रेमियों, फिल्म निर्माताओं और IFFI के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि यह महोत्सव रचनात्मक दिमागों के लिए नए साझेदारी और सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि युवा रचनाकारों को यहां मार्गदर्शन और परामर्श मिलेगा, जिससे उद्योग की दिशा तय होगी।

IFFI का यह नौ दिवसीय महोत्सव 28 नवंबर 2024 तक चलेगा, जो फिल्म निर्माताओं और कलाकारों को सिनेमा की खुशी को साझा करने और मनाने का मंच प्रदान करता है।

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