Maha Kumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ मेला भगदड़ की घटना के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बार-बार जिक्र हो रहा है. सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी से लेकर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने भी सपा सरकार में 2013 में आयोजित हुए महाकुंभ की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की सरकार में सबसे बेहतर कुंभ हुआ था.
रामपुर से सपा सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने इस घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदारी ठहराया और कहा कि प्रशासन को अलर्ट पर रहना चाहिए था. योगी जी खुद एक मजहबी आदमी है उनके होते हुए इतनी बड़ी भूल हो गई यह समझ में नहीं आ रहा है. कुछ श्रद्धालु 2013 में सपा के वक्त जो कुंभ का आयोजन हुआ था उसको याद कर रहे हैं.
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मोहबुल्लाह नदवी ने अखिलेश सरकार का किया जिक्र
नदवी ने कहा कि जिस जगह पर इतने ज्यादा लोग हों वहां सबको एक बराबर देखना चाहिए. इंसान होते के नाते सभी एक बराबर हैं. वीआईपी ट्रीटमेंट की वजह से यह हुआ है तो ये बेहद अफसोसजनक बात है. वहीं समाजवादी पार्टी से सांसद वीरेंद्र सिंह ने भी भगदड़ की घटना के लिए सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि प्रशासन भीड़ का अंदाजा लगाने में चूक गया.
एबीपी न्यूज से बातचीत में सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि ज़ब रील से रैला बुलाने की कोशिश की जाएगी तो घटना होने की संभावना बढ़ जाती है. यह शासन-प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह अपना अनुमान ठीक से लगाए. प्रशासन आंकड़ा लगाने में चूक गया. उन्होंने प्रयागराज के सपा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वो सभी लोग मिलकर श्रद्धालुओं की मदद के लिए पूरी तरह तत्पर रहे और प्रशासन का भी सहयोग करें.
सपा सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री जी तो अभी तक नहीं मान रहे कि कोई मृत्यु हुई है लेकिन, प्रधानमंत्री जी लगातार संपर्क में है. प्रधानमंत्री जी जब तीन से चार बार प्रयागराज के बारे में रिपोर्ट ले रहें है तो इसका मतलब है कि यह घटना बहुत गंभीर है. इस घटना से सीख लेकर प्रयागराज के साथ-साथ वाराणसी जिला प्रशासन को भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करना चाहिए. भीड़ नियंत्रित करने का काम करना चाहिए जिससे प्रयागराज जैसी घटना वाराणसी में ना हो. काशी में भी पलट प्रवाह के दौरान भारी भीड़ हो रही है.
संजय राउत को भी याद आए अखिलेश यादव
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने भी महाकुंभ की व्यवस्था को लेकर योगी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि 1954 में पंडित नेहरू ने खुद कुंभ मेले की व्यवस्थाओं की जांच की थी. लेकिन, आज के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री उस तरह सक्रिय नहीं दिख रहे. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के कार्यकाल का कुंभ मेला सबसे बेहतर था, ऐसा श्रद्धालु खुद कहते हैं. अगर दूसरे दलों का भी आयोजन में शामिल किया जाता, तो हालात इतने खराब नहीं होते.
