Iran Fatwa Against Trump Netanyahu: ईरान के सबसे बड़े शिया धर्मगुरु अयातुल्ला नासिर मकारेम शिराजी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है। जो अब पूरी इस्लामी दुनिया में एक धार्मिक हलचल की तरह गूंज रहा है। इसके बाद से ही मिडिल ईस्ट की राजनीति में एक बार फिर आग भड़क चुकी है।
अयातुल्ला नासिर मकारेम शिराजी द्वारा जारी फतवे में ट्रंप और नेतन्याहू को ‘ईश्वर के दुश्मन’ और ‘मोहेरेब’ बताया है। यानी ऐसे लोग जो सीधे खुदा के खिलाफ युद्ध कर रहे हैं। वहीं ईरानी कानून में मोहेरेब के लिए सजा बेहद क्रूर मानी जाती है। इसमें मृत्युदंड, सूली पर चढ़ाना, अंग काटना या निर्वासन आदि तक शामिल हैं।
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‘ट्रंप और नेतन्याहू का साथ देने वाला इस्लाम का गुनहगार होगा’
शिराजी ने साफ-साफ कहा है कि जो भी मुसलमान या इस्लामी राष्ट्र इन लोगों के साथ खड़ा होगा, उसे “हराम”, यानी धार्मिक अपराधी माना जाएगा। और ऐसे किसी भी सहयोग को कयामत के दिन तक माफ नहीं किया जाएगा। यह जरूरी है कि दुनियाभर के मुसलमान इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों के लिए पछतावा करवाएं।
इसी के साथ धार्मिक फरमान के आखिर में अयातुल्ला ने ईश्वर से इस्लाम के दुश्मनों से सुरक्षा और ‘महदी’- यानी शिया मान्यताओं में मसीहा की वापसी की प्रार्थना की है। उन्होंने लिखा, “इस्लाम की व्यवस्था, धर्मिक नेतृत्व और सुप्रीम लीडर की जान को खतरे में डालना पाप ही नहीं, बल्कि नरक का रास्ता है। ऐसे हर हमले के खिलाफ खड़ा होना अब हर मुसलमान का फर्ज़ है।”
फतवे के पीछे का कारण है 12 दिन की खौफनाक जंग
13 जून से शुरू हुए ईरान-इजरायल युद्ध ने पूरे पश्चिमी एशिया को दहला दिया। इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर और मिलिट्री साइट्स पर हमला किया, जिसमें कई वैज्ञानिक और कमांडर मारे गए। वहीं जवाब में ईरान ने इजरायल के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इस युद्ध में अमेरिका भी कूद पड़ा और उसने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया। इसके बाद ट्रंप ने धमकी दी कि अगर ईरान ने हथियार-स्तरीय यूरेनियम बनाना बंद नहीं किया तो और बड़ी कार्यवाही होगी।
