जयपुर, 27 जून। जयपुर विकास प्राधिकरण की भूमि एवं सम्पत्ति निस्तारण समिति की 212वीं बैठक जेडीए के मंथन सभागार में जयपुर विकास आयुक्त आनन्दी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में विभिन्न जनहितैषी और विकासात्मक परियोजनाओं के लिए भूमि/भूखंड आवंटन से संबंधित कई प्रस्तावों पर विचार-विमर्श पश्चात विभिन्न प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई।
ग्राम रागपुरा रूपा (तहसील सांगानेर) में 2782 वर्ग मीटर भूमि को मास्टर प्लान में दर्शित स्पेशल एरिया के तहत पार्किंग हेतु आरक्षित करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय शहर में बढ़ती पार्किंग की समस्या के समाधान में महत्वपूर्ण साबित होगा।
जेईसीसी की तर्ज पर एमआईसीई सेंटर (मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंसेस, एग्जीबिशन) के निर्माण हेतु विद्याधर नगर योजना के सेक्टर-7 में 6318 वर्ग मीटर भूमि के आवंटन को मंजूरी दी गई। यह केंद्र जयपुर को एक प्रमुख व्यापार और पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने में सहायक होगा।
निजी खातेदारी की आवासीय योजना नारायण सागर विस्तार में सुविधा क्षेत्र की 1669.22 वर्गगज भूमि प्रस्तावित पुलिस थाना नारायण विहार के प्रशासनिक एवं आवासीय भवनों हेतु आवंटन करने का निर्णय लिया गया।
निजी खातेदारी की योजना पर्ल रिंगेलिया के सुविधा क्षेत्र के भूखंड संख्या एफ-1 क्षेत्रफल 3300 वर्ग गज (2759.13 वर्ग मीटर) भूमि का स्कूल निर्माण हेतु आवंटन हेतु प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाये जाने का निर्णय लिया गया। जो शिक्षा के क्षेत्र में सुविधाओं का विस्तार करेगा।
निजी खातेदारी की योजना पर्ल रिंगेलिया के सुविधा क्षेत्र के भूखंड संख्या एफ—2 क्षेत्रफल 3800 वर्ग गज (3177.18 वर्ग मीटर) का हॉस्पिटल निर्माण हेतु आवंटन हेतु प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाये जाने का निर्णय लिया गया। जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बढ़ेगी।
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविधालय, प्रताप नगर, सांगानेर के सम्मुख मरीजो के परिजनो हेतु धर्मशाला हेतु भूमि आवंटन हेतु प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाये जाने का निर्णय लिया गया। जो मरीजों के परिजनों को बड़ी राहत प्रदान करेगा।
नगर निगम, जयपुर ग्रेटर को बायोमेडिकल वेस्टेज ट्रीटमेंट प्लांट हेतु ग्राम लांगडियावास तहसील जमवारामगढ में 4.00 हैक्टेयर भूमि आवंटन को हरी झंडी दी गई, जो शहर में बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन को सुधारेगा।
जविप्रा की आवासीय योजना लालचंदपुरा के भूखंड संख्या बी-190, बी-192, बी-194, बी-196, बी-198, बी-199, बी-201, बी-202, बी-214 कुल 9 भूखंड जो खसरा सीमा से प्रभावित हो रहे थे, उनके स्थान पर योजना के रिक्त भूखंडों में लॉटरी से आवंटन का निर्णय लिया गया।
जविप्रा की योजना हीरालाल शास्त्री नगर में सृजित भूखंड संख्या डी-1 से डी-16 का मौके पर 9 मीटर का पहुंच मार्ग निजी खातेदारी की भूमि से प्रभावित होने के कारण, आवंटित भूखंड संख्या डी-3, डी-4, डी-5, डी-6, डी-8, डी-9, डी-12 व डी-16 के स्थान पर विनिमय द्वारा समान क्षेत्रफल के अन्य भूखंड आमजन सूचना प्रकाशन के उपरांत लॉटरी से नियमानुसार आवंटन करने का निर्णय लिया गया।
