कांग्रेस महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के बाद से ही चुनाव को लेकर आवाज उठा रही है. इसी के चलते कांग्रेस ने चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिखे पत्र के जवाब में चुनाव आयोग ने जवाब दिया. चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर उन्हें 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के आयोजन के संबंध में किसी भी “मुद्दे” पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया था.
इसी के बाद कांग्रेस ने चुनाव पैनल को पत्र लिखकर महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव को लेकर कई चीजों की मांग की. कांग्रेस ने पैनल से महाराष्ट्र वोटिंग लिस्ट की डिजिटल कॉपी, महाराष्ट्र और हरियाणा के वोटिंग के दिन की वीडियो फुटेज की मांग की.
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पत्र में क्या-क्या कहा गया?
पार्टी ने कहा- इसको मानना चुनाव आयोग के लिए आसान होना चाहिए. यह पत्र कांग्रेस की 8 सदस्यीय ईगल समिति ने चुनाव आयोग सचिव अश्विनी कुमार मोहल को भेजा था. समिति का मकसद देश में चुनावों पर नजर” रखना और “भारत के चुनाव आयोग द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के संचालन की निगरानी करना” है.
पत्र में कहा गया- जैसा कि आप अच्छी तरह से जानते हैं, दिसंबर 2024 के बाद से, इंडिया गठबंधन के राजनीतिक दलों के नेताओं ने कई पत्रों, याचिकाओं, प्रेस कॉन्फ्रेंस, लोकसभा में भाषणों के जरिए हमने 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए वोटर्स की संख्या में हुई बढ़त और चुनाव के दिन शाम 5 बजे के बाद वोटिंग में अचानक आई तेजी को लेकर कई सवाल उठाए. कई तथ्यात्मक मुद्दे सामने रखे.
EC से पार्टी ने पूछे सवाल
पार्टी ने आगे कहा, यह पेचीदा और हैरान करने वाला है कि वोटिंग लिस्ट उपलब्ध कराने के बजाय, चुनाव आयोग बाकी सभी तरह की प्रतिक्रियाओं, मीडिया लीक और निंदा में लगा हुआ है. आप हमें हमारे अनुरोध के अनुसार फाइनल वोटिंग लिस्ट क्यों नहीं देते? पत्र में सवाल पूछते हुए कहा गया, क्या आपके पास ये वोटिंग लिस्ट हैं या नहीं? साथ ही मतदान के दिन का वीडियो फुटेज उपलब्ध न कराना संदेह और संदेह को और ज्यादा जन्म देता है.
कब मिलेंगे राहुल गांधी?
पत्र में साथ ही कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी नेतृत्व (राहुल गांधी) चुनाव आयोग से अपनी मांगें पूरी होने के बाद मिलेंगे. साथ ही कहा गया कि उस बैठक में, हम अपने विश्लेषण के नतीजे भी आपके सामने पेश करेंगे. बुधवार को सामने आया कि 12 जून को चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर किसी भी “मुद्दे” पर चर्चा करने के लिए उसे मिलने के लिए आमंत्रित किया, साथ ही दोहराया कि पैनल यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव चुनावी कानूनों के अनुसार हों.
