Explore

Search

December 7, 2025 4:10 pm

ऐसा रहा तो चीन भी हो जाएगा पीछे……’भारत को लेकर रूसी लोगों की सोच में आया बड़ा बदलाव…….

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

भारत और रूस की दोस्ती मजबूत होती जा रही है. पाकिस्तान के साथ तनाव में ये दिख भी गया था. रूसी हथियार S-400 ने पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम कर दिया था. भारत से और मजबूत होते संबंध को रूस की जनता ने भी स्वीकारा है. रूस के सरकारी स्वामित्व वाली एक सर्वे एजेंसी के सर्वेक्षण से पता चला कि रूस के लोग चीन, बेलारूस और भारत को अपना सबसे अच्छा मित्र राष्ट्र मानते हैं.

चीन 65% समर्थन के साथ लिस्ट में सबसे ऊपर है, उसके बाद बेलारूस 41% और भारत 26% समर्थन के साथ तीसरे स्थान पर है. ध्यान देने की बात यह है कि भारत की रैंकिंग में उछाल आया है. वो पांचवें से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.

यहां जानें: रोजाना मलासन करने से शरीर को मिलेंगे ये गजब के फायदे……

क्यों आया उछाल?

भारत की रैंकिंग में उछाल क्यों आया है, इसका जवाब देते हुए सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टैनिस्लाव तकाचेंको ने कहा कि इसका कारण निरंतरता है. युद्ध की शुरुआत से ही भारत रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों को खुलेतौर पर अस्वीकार करता रहा है. भारत के साथ हमारा व्यापार भी ठीक उसी समय से बढ़ गया है जब पश्चिम ने मास्को पर सैन्य और आर्थिक दबाव बनाना शुरू किया था.

वो आगे कहते हैं कि आपका सच्चा दोस्त कई मुद्दों पर आपसे सहमत या असहमत हो सकता है. लेकिन एक दोस्त, निश्चित रूप से आपके पक्ष में होना चाहिए और मदद करनी चाहिए या कुछ मामलों में तटस्थ रहना चाहिए. सबसे महत्वपूर्ण आप जानना चाहते हैं कि आपके दोस्त से क्या उम्मीद की जाए और यह आपके लिए स्थिरता है.

भारत और रूस की दोस्ती

भारत और रूस के बीच राजनयिक संबंध 1947 में स्थापित किए गए थे. भारत आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल करने की कोशिश में था, इसलिए तत्कालीन सोवियत संघ देश के भारी उद्योग को सहायता प्रदान करने के मामले में एक महत्वपूर्ण भागीदार था, जिसमें खनन, ऊर्जा और इस्पात उत्पादन में निवेश शामिल था.

भारत में रूस की दोस्ती हर गुजरते साल के साथ मजबूत हुई है. ऐसा इसलिए है क्योंकि सोवियत संघ ने शीत युद्ध के दौरान भारत का समर्थन किया था. खासतौर पर 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के दौरान जिसमें अमेरिका और चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया था. यह यकीनन भारत-सोवियत संबंधों का चरम था और यह वो वर्ष भी था जब दोनों देशों ने मित्रता और सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर किए थे. लेकिन उससे पहले भी सोवियत संघ ने भारत का समर्थन किया था.

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 के युद्ध के दौरान यूएसएसआर ने मध्यस्थता की भूमिका निभाई और 1966 में ताशकंद शिखर सम्मेलन की मेजबानी की, जहां शांति संधि पर हस्ताक्षर किए गए. सोवियत संघ ने भी भारत के समर्थन में कई बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वीटो का इस्तेमाल किया. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-रूस संबंधों को पिछली आधी सदी से वैश्विक राजनीति में एक स्थिरता वाला संबंध बताया था.

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर