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July 1, 2025 5:37 pm

आरबीआई देगा 3 लाख करोड़ का चेक…….’सरकार की लगने वाली है लॉटरी…….

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केंद्र सरकार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से जल्द ही 3 लाख करोड़ रुपए का चेक मिल सकता है. अनुमान है कि आरबीआई अपनी बोर्ड बैठक में भारत सरकार को 3 लाख करोड़ रुपए के डिविडेंड देने पर मुहर लगा सकती है. अगर ऐसा होता है तो भारत सरकार को कैपेक्स में काफी सहूलियत होगी. वो भी ऐसे समय पर जब भारत सरकार ने 12 लाख तक की कमाई को टैक्स फ्री कर दिया है और टैक्स रेवेन्यू में कमी आने का अनुमान है. इस डिविडेंड से भारत सरकार को कैसे राहत मिलेगी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आरबीआई और बाजार से डिविडेंड को लेकर किस तरह की खबर सामने आ रही है.

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मिल सकता है 3 लाख करोड़ रुपए का चेक

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केंद्रीय निदेशक मंडल की 23 मई को बैठक होने की संभावना है, जिसमें केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट की वार्षिक समीक्षा की जाएगी और वित्त वर्ष 2025 का सरप्लस फंड सरकार को ट्रांसफर किया जाएगा. ये फंड 3 लाख करोड़ रुपए तक हो सकता है, जो पिछले साल के डिविडेंड से लगभग 50 फीसदी अधिक है. IDFC फर्स्ट बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने कहा कि हमारा अनुमान है कि RBI का डिविडेंड 2.6 लाख रुपए से 3 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है, जो प्रावधान के स्तर पर निर्भर करता है.

कैसे तय होता है डिविडेंड

RBI बोर्ड ने 15 मई को आर्थिक पूंजी ढांचे (ECF) की समीक्षा के लिए भी बैठक की. सरप्लस या डिविडेंड निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण कारक ECF है, जिसे RBI ने 2019 में अपनाया था. संबंधित समिति ने कॉन्टीजेंट रिस्क बफर (CRB) के तहत रिस्क प्रोविजन को RBI की बैलेंस शीट के 6.5-5.5 फीसदी की सीमा के भीतर बनाए रखने की सिफारिश की थी. इसके अलावा, भुगतान केंद्रीय बैंक द्वारा विभिन्न घरेलू स्रोतों से अर्जित आय पर भी निर्भर करता है. बोर्ड सीआरबी के स्तर पर निर्णय लेता है जिसे केंद्रीय बैंक समीक्षाधीन अवधि के दौरान अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के आधार पर बनाए रखता है और यह सीधे तौर पर एक वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था की वृद्धि से जुड़ा होता है.

क्या थी उम्मीद

सीएसबी बैंक के ग्रुप ट्रेजरी हेड आलोक सिंह ने कहा कि बाजार ने मोटे तौर पर लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपए के डिविडेंड को ध्यान में रखा है. इस संख्या में किसी भी वृद्धि का बॉन्ड यील्ड पर असर पड़ेगा. कॉन्टीजेंट प्रोविजन पिछले साल के समान या उससे अधिक होने की उम्मीद है. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के अनुसार प्रावधान 42,800 करोड़ रुपए था और इसके 40,000 करोड़ रुपए से 80,000 करोड़ रुपए के बीच रहने की उम्मीद है.

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