Rajasthan Cabinet Meeting Decision : राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार में बनाए गए 20 नए जिलों को लेकर बड़ा फैसला किया है. राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने शनिवार को बड़ा फैसला किया है. शनिवार को सीएम भजनलाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में गहलोत सरकार के समय बनाए गए नौ जिलों को खत्म करने का फैसला किया गया है. राज्य कैबिनेट की बैठक में इनमें से नौ जिलों को खत्म करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. राजस्थान की भजन सरकार ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें पूर्ववर्ती गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए कई जिलों के गठन को रद्द करने और तीन संभागों को भी रद्द करने का निर्णय लिया गया है.
राज्य सरकार का कहना है कि इन जिलों को बनाने से पहले व्यावहारिकता पर विचार नहीं किया गया था। राजस्थान में नौ जिले खत्म कर दिए गए हैं। ये निर्णय भजनलाल सरकार ने लिया क्योंकि वे अतिरिक्त बोझ को राज्य के हित में नहीं समझा। नीचे दर्ज किए गए जिलों का विवरण पढ़ें.
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कैबिनेट बैठक में निर्णय
राजस्थान से एक महत्वपूर्ण खबर आई है। यहां नौ जिले खत्म हो गए हैं। कैबिनेट की बैठक में ये निर्णय लिए गए हैं। गहलोत सरकार ने 17 नए जिले और 3 नए संभाग बनाए थे। आचार संहिता से पहले नए जिलों और संभागों को बनाने का निर्णय उचित नहीं था, इसलिए वे रद्द कर दिए गए। भजनलाल सरकार ने नए जिलों में कुछ जिलों को अव्यावहारिक माना और राज्य पर अतिरिक्त भार को फायदेमंद नहीं समझा। यानी 17 नए जिलों में से केवल 8 यथावत रहेंगे और 9 खत्म हो जाएंगे। राजस्थान अब 41 जिले और 7 संभाग होगा।
कौन से जिले हुए निरस्त?
1 – दूदू
2 – केकड़ी
3 – शाहपुरा
4 – नीमकाथाना
5 – गंगापुरसिटी
6 – जयपुर ग्रामीण
7 – जोधपुर ग्रामीण
8 – अनूपगढ़
9 – सांचौर
17 जिलों में से बचे हुए 8 नए जिलों की रही लिस्ट
1 – बालोतरा
2 – ब्यावर
3 – डीग कुम्हेर
4 – डीडवाना कुचामन
5 – कोटपुतली बहरोड़
6 – खेड़थल तिजारा
7 – फलोदी
8 – सलूंबर
कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय
बैठक ने यह भी निर्णय लिया कि खाद्य सुरक्षा योजना में अधिक लोगों को लाभ मिलेगा। CET (कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट) एग्जाम में तीन वर्ष तक का स्कोर अब काउंट होगा। एक वर्ष पहले का स्कोर काउंट था। राजस्थान सरकार के जिलों को गहलोत सरकार के अधीन करने का निर्णय राजनीतिक हलकों में बहुत चर्चा में है। ऐसे में विपक्ष को नुकसान होगा।
1 जुलाई को राजस्थान सरकार ने एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ कमेटी बनाई, जिसे नए बनाए गए जिलों और संभागों के अस्तित्व से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों की समीक्षा करने और रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया था। 31 अगस्त को रिपोर्ट को सौंपने का समय सीमा था, जो 30 अगस्त को राजस्थान सरकार के प्रधान सचिव रेवेन्यू दिनेश कुमार को 24 घंटे पहले सौंप दिया गया था।