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December 22, 2024 5:35 pm

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जानें पूरा मामला: SEBI ने एफपीआई पर सख्ती को लेकर जारी की सफाई; खबरों का किया खंडन…..

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शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले निवेशकों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है. 18 दिसंबर को शेयर बाजार के खुलने से पहले मार्केट रेगुलेटर SEBI ने एक बड़ी राहत दी है. SEBI ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए बयान दिया है कि FPI यानी कि फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट पर कोई सख्ती की खबर गलत है. बता दें कि 18 दिसंबर की सुबह-सुबह सेबी की ओर से ये सफाई सामने आई है. सफाई में बताया गया है कि विदेशी निवेशकों पर होने वाली सख्ती की खबर गलत हैं और सेबी ने इसका खंडन किया है. बता दें कि मीडिया में ये खबरें आई थीं कि सेबी की ओर से एफपीआई की ओर से जारी होने वाले ODIs यानी कि ऑफशोर डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट पर सख्ती की जाएगी. लेकिन सेबी ने आज सुबह ही इन खबरों का खंडन करते हुए नई सफाई पेश की है.

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SEBI ने जारी किया था ये सर्कुलर

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था. इस सर्कुलर में FPIs पर ODI जारी करने पर ग्रेनुलर डिस्क्लोजर देना जरूरी करने का फैसला किया था. इसमें कहा गया था कि फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर ODI, एक अलग से डिडेकेटेड FPI रजिस्ट्रेशन के जरिए ही इश्यू कर पाएंगे. साथ में कोई प्रॉपराइडर इन्वेस्टमेंट नहीं होगा.

ऐसे FPI रजिस्ट्रेशन FPI with “ODI” के नाम से रजिस्टर होंगे. हालांकि PAN एक ही होगा. हालांकि FPI का नाम नहीं बदलेगा लेकिन ODI साथ में जुड़कर दिखाई देगा. ऐसे मामले में DDP रिक्वेस्ट प्रोसेस करेंगे और नए FPI रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे.

FPI को लेकर जारी किया नया नियम

इसके अलावा सर्कुलर में ये भी कहा गया है कि सरकारी सिक्योरिटीज के साथ ODIs इश्यू को लेकर अप्लाई करने पर अलग से डेडिकेटेड रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी. एक फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर ODI को डेरिवेटिव्स के साथ इश्यू नहीं कर सकते. इसके अलावा भारत में स्टॉक एक्सचेंज पर FPI अपने ODI को डेरिवेटिव्स के साथ हेज नहीं कर पाएंगे.

FPI पर ODI इश्यू करने पर कोई रोक नहीं है. हालांकि डेरिवेटिव्स पर ODI इश्यू करने पर रोक है. इसके अलावा कैश मार्केट पर ओडीआई जारी करने की सुविधा है. ODI को एक्सचेंज पर डेरिवेटिव्स से हेज करने पर सख्ती है. ODI सब्सक्राइब करने वालों की जानकारी डिपॉजिटरी को देनी होगी. सिंगल कॉरपोरेट ग्रुप में 50 फीसदी से ज्यादा या कुल 25000 से ज्यादा की इक्विटी पोजीशन पर जानकारी देनी होगी.

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