फ्लेक्स फ्यूल (Flex Fuel) नहीं अब भारत सिर्फ इथेनॉल (Ethanol) बेस्ड कारें चलाने की तैयारी है. केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkri) ने अपने हालिया बयान में ये संकेत दिए हैं. सौ प्रतिशत इथेनॉल (Ethanol) बेस्ड कारें भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर (Automobile Sector) में क्रांति ला सकती हैं.
‘भारतीय ऑटो कंपनियां जल्द ही देश में 100 प्रतिशत इथेनॉल (Ethanol) से चलने वाली कारों और दोपहिया वाहनों का उत्पादन करेंगी…’, सोमवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने ये बयान दिया है. इस वक्त भारत में फ्लेक्स फ्यूल इंजन (Flex Fuel)का प्रचलन तेजी के साथ बढ़ रहा है, फ्लेक्स फ्यूल इथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर बनाया जाता है. मगर गडकरी के बयान अनुसार बहुत जल्द भारत में ही भारतीय कंपनियां सिर्फ Ethanol Based कारें बनायेंगी.
टाटा और मारुति सुजुकी भी रेस में
गडकरी ने बताया कि, टाटा मोटर्स (Tata Motors)और मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) भी 100 प्रतिशत इथेनॉल या फ्लेक्स-फ्यूल इंजन वाले वाहन बनाने पर काम कर रही हैं. केवल यात्री वाहन क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि भारतीय दोपहिया बाजार में भी बजाज ऑटो, टीवीएस और हीरो मोटोकॉर्प जैसी ऑटो कंपनियां फ्लेक्स-फ्यूल इंजन से चलने वाली मोटरसाइकिल और स्कूटर बना रही हैं. गडकरी ने कहा, “अन्य निर्माता भी फ्लेक्स इंजन लाने पर काम कर रहे हैं. पेट्रोल पंपों की तरह ही, हमारे किसानों के पास अब इथेनॉल पंप होंगे. हमारे पास 16 लाख करोड़ का आयात है. ऐसे वाहन प्रदूषण को कम करेंगे, लागत बचाएंगे और किसानों को लाभ पहुँचाएँगे… यह वाहन 100% इथेनॉल पर चलता है…”
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Ethanol क्या होता है इसे कैसे बनाया जाता है?
इथेनॉल, जिसे एथिल अल्कोहल भी कहा जाता है, एक रंगहीन, ज्वलनशील और तरल कार्बनिक यौगिक है. इसका रासायनिक सूत्र C₂H₆O होता है. दुनिया भर में उत्पादित अधिकांश ईंधन इथेनॉल मक्का, ज्वार और जौ जैसे अनाज के स्टार्च में मौजूद चीनी और गन्ने और चुकंदर में मौजूद चीनी को फार्मेन्ट करके बनाया जाता है. ईंधन इथेनॉल को पीने योग्य न बनाने के लिए इथेनॉल में डेनेचुरेंट्स मिलाए जाते हैं.
Toyota में पेश की थी पहली फ्लेक्स फ्यूल कार
भारत में सबसे पहले टोयोटा (Toyota) ने इनोवा हाईक्रॉस (Innova Hycross) फ्लेक्स-फ्यूल प्रोपेल्ड वर्जन कार पेश की थी, जिसे केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अनवील किया था. इनोवा हाईक्रॉस अपनी कुल दूरी का 40 प्रतिशत इथेनॉल पर और शेष 60 प्रतिशत इलेक्ट्रिक पर तय करने में सक्षम होने का दावा करती है. हाल ही में, टोयोटा ने घोषणा की कि वह स्थानीय स्तर पर फ्लेक्स-फ्यूल कारों का उत्पादन करने के लिए भारत में एक संयंत्र स्थापित करेगी. यह विनिर्माण सुविधा महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जाएगी.