आरा से पटना, बक्सर और सासाराम की यात्रा करने वाले दैनिक यात्रियों का रेल सफर जल्द आसान होने वाला है। यात्रा में न सिर्फ समय की वचत होगी, बल्कि आरामदायक भी होगी। आरा जंक्शन होते हुए डीडीयू से झाझा एवं पटना जंक्शन से सासाराम तक वंदे मेट्रो ट्रेन अगले दो महीने में पटरी पर दौड़ने लगेगी।
रेलवे की सितंबर के अंत में या अक्टूबर में वंदे मेट्रो ट्रेन को पटरी पर उतारने की योजना है। फिलहाल कोच का ट्रायल चल रहा है। पूर्व मध्य रेलवे को 20 रैक मिलने की संभावना है। गुरुवार को संसद में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी छोटे रूट पर जल्द इस खास ट्रेन को उतारने की योजना साझा की थी।
हाजीपुर रेलवे जोन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह ट्रेन 12 और 16 कोच तक की हो सकती है। प्रत्येक डिब्बे में दिल्ली मेट्रो की तरह ही बैठने की व्यवस्था होगी। इस ट्रेन में यात्रा के लिए टिकट रिजर्व कराने की जरूरत नहीं होगी। वंदे मेट्रो 200 किलोमीटर से कम दूरी वाले कई स्टेशनों के बीच चलेगी।
ट्रेन से सफर करने में यात्रियों को रैपिड शटल जैसा अनुभव होगा। अभी जो पैसेंजर ट्रेन चल रही है, उसकी अधिकतम गति 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे होती है। वंदे मेट्रो ट्रेन की अधिकतम गति सीमा 130 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। ऐसे में आरा से पटना का सफर सभी स्टेशनों पर रुकते हुए एक घंटे में तय हो सकेगा।
अभी पैसेंजर ट्रेन आरा से पटना जाने में पौने दो घंटे से ज्यादा का समय लेती है। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री और लखनऊ स्थित रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन के सहयोग से वंदे भारत का रैक तैयार किया गया है। ट्रेन में फर्स्ट क्लास व जेनरल क्लास की सुविधा होगी।
यात्री एमएसटी भी दोनों श्रेणी में कटा सकेंगे। हालांकि, इसका किराया क्या होगा, इसका प्रारूप नहीं आया है, लेकिन अभी चल रही लोकल ट्रेनों से इसका किराया कुछ अधिक होने की संभावना है। इसकी खासियत है कि यह बिना लोकोमोटिव इंजन के पटरी पर दौड़ती है।
अधिकतम गति 130 की होगी
वंदे मेट्रो ट्रेनों का लुक और इन्फ्रास्ट्रक्चर अन्य लोकल मेट्रो ट्रेनों से अच्छा है। अभी लोकल ट्रेनों में सबसे अधिक स्पीड ईएमयू ट्रेनों की होती है। इसकी गति सीमा ईएमयू के लगभग डेढ़ गुणी होगी।
मेट्रो ट्रेनों की तरह इसमें आटोमेटिक गेट, मोबाइल चार्जिंग सॉकेटके अलावा डिफ्यूज्ड लाइटिंग होंगी। सुरक्षा के लिए ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे, इसके अलावा यात्रियों की सुरक्षा के लिए इसमें ‘कवच’ ट्रेन एंटी कॉलिजन सिस्टम लगाया गया है।
तैयार की जाएगी लिस्ट
रेल मंत्रालय से मांग के अनुसार लिस्ट तैयार की जा रही है, जोन के अतिव्यस्तम मार्ग को ध्यान में रखकर योजना तैयार की जा रही है।