भारत ने सूचना और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को विकसित करते हुए एक महत्वपूर्ण यात्रा तय की है. राष्ट्रीय रक्षा में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो उसे एक ग्लोबल शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद करती है. भारत ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को विकसित करने के लिए कई पहल की हैं. इसमें साइबर सुरक्षा के लिए कई नए और उन्नत तकनीकी उपाय शामिल हैं, जिनका उपयोग विभिन्न सरकारी संगठनों, वित्तीय संस्थाएं, और अन्य संगठनों द्वारा किया जा रहा है. भारतीय सरकार ने साइबर हमलों के खिलाफ सक्रिय रूप से कदम उठाए हैं और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नीतियों और कानूनों को अपडेट किया है.
दूरसंचार में अहम प्रगति
भारतीय दूरसंचार क्षेत्र ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति भी की है. कई भारतीय कंपनियां दूरसंचार उपकरणों का डिज़ाइन, निर्माण और निर्यात कर रही हैं. भारत में डिज़ाइन किए और निर्मित दूरसंचार उपकरण अब करीब 70 देशों को निर्यात भी किए जा रहे हैं. हाल में ही आयोजित रक्षा क्षेत्र सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) कॉन्क्लेव में कुल 21 कंपनियों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन भी किया. दूरसंचार उपकरण और सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (टीईपीसी) ने दूरसंचार विभाग और संचार मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के सहयोग से कॉन्क्लेव का आयोजन किया. इस कॉन्क्लेव में 12 से अधिक सीआईएस और आसियान देशों के राजदूत, रक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधि, वाणिज्य क्षेत्र के प्रमुखों ने भाग लिया.
4,42,000 5-जी बेस स्टेशन
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भारत की अग्रणी भूमिका में उसके तकनीकी अभियांत्रिकी और विज्ञान के क्षेत्र में विशेषज्ञों का योगदान है. भारत में साइबर सुरक्षा के उत्कृष्ट केंद्र और संस्थान हैं जो नवाचारी तकनीकों का अनुसंधान और विकास कर रहे हैं. इन केंद्रों ने साइबर अपघातों को रोकने और सुरक्षित नेटवर्क सिस्टम विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. साइबर सुरक्षा के मामले में भारत ने अपनी विदेशी नीतियों को भी मजबूत किया है. भारत ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर सुरक्षा के मामले में सहयोग करने के लिए विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों और देशों के साथ संबंधों को मजबूत किया है. भारतीय सरकार ने विभिन्न समझौतों के माध्यम से साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अपने संबंधों को मजबूत किया है, जो कि अन्य देशों के साथ साझा सुरक्षा और सहयोग को बढ़ावा देता है. वर्तमान समय में भारत के निर्यात में 35 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि हुई है और भारत दुनिया के सर्वश्रेष्ठ निर्माताओं के साथ गुणवत्ता के मामले में बराबरी की प्रतियोगिता कर रहा है. भारत ने अपने देश में लगभग 4,42,000 5-जी बेस स्टेशन भी स्थापित किए हैं और भारत में 5-जी सेवा शुरू करने में लगभग 80 प्रतिशत उपकरण स्वदेशी रूप से निर्मित किए गए हैं. यह आत्मनिर्भर भारत को एक गति देता है.