किडनी ट्रांसप्लांट केस जयपुर, सामने आया सबसे बड़ा खुलासा, रिसीवर से 32 लाख वसूले, डोनर को 2 ‘लाख’ थमाए और…
राजस्थान की राजधानी जयपुर में फर्जी एनओसी के आधार पर किडनी ट्रांसप्लांट के काले कारोबार में बड़ा खुलासा सामने आया है. सरकारी अधिकारियों और निजी अस्पतालों की मिलीभगत से दलालों ने इस काले कारोबार के जरिए करोड़ों रुपये कूट लिए. किडनी ट्रांसप्लांट के इस खेल में डोनर और रिसीवर का आपस में रिश्तेदार होना तो दूर की बात वे एक दूसरे को जानते तक नहीं है. हालांकि ऑर्गन ट्रांसप्लांट के खेल का खुलासा होने के बाद राजस्थान सरकार में अब हड़कंप मचा हुआ.
हालांकि मानव अंगों के इस कारोबार का खुलासा होने के बाद इस केस में कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. लेकिन जैसे-जैसे इसकी परतें खुलती जा रही है वैसे-वैसे डराने वाले फैक्ट सामने आ रहे हैं. जयपुर में कई विदेशियों की किडनी ट्रांसप्लांट की गई. इसके लिए रिसीवर से 32 लाख रुपये तक वसूले गए. जबकि इसकी एवज में डोनर को महज दो से तीन लाख रुपये दिए गए. वहीं अब मामले का खुलासा होने के बाद दलाल डोनर को एक लाख रुपये और देने का भी लालच देकर मुंह बंद रखने का दबाव बना रहे हैं.
ढाका के 30 डोनर और रिसीवर में आपस में रिश्तेदार नहीं थे
में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार दलालों ने इस कारोबार में जमकर चांदी कूटी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि अब तक खुलासे के मुताबिक जयपुर में किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले 30 डोनर और रिसीवर में कोई आपस में रिश्तेदार नहीं है. ना तो डोनर को पता है कि उसकी किडनी किसे लगाई गई और न ही रिसीवर को पता कि उसे किसकी किडनी लगी है. बस फर्जी कागजों, रुपये की जरुरत और इसके लालच में पूरा खेल चलता रहा. ये सभी डोनर और रिसीवर बांग्लादेश के ढाका के रहने वाले हैं.
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फर्जी एनओसी और दस्तावेजों से रचा गया पूरा खेल
रिपोर्ट के मुताबिक किडनी ट्रांसप्लांट के लिए इन लोगों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जयपुर लाया गया. उनसे ना तो बांग्लादेश दूतावास ने और ना ही अस्पतालों में कोई पूछताछ हुई. बस दलाल फर्जी दस्तावेजों और एनओसी के आधार पर इस कारोबार को अंजाम देकर चांदी कूटते रहे. यहां बीते तीन साल में फर्जी एनओसी के आधार पर 1200 किडनी ट्रांसप्लांट हुए हैं. इनमें कई अवैध हैं. कितन अवैध हुए हैं इसकी जांच की जा रही है. किडनी ट्रांसप्लांट का यह कारोबार दलालों, सरकारी अधिकारियों और प्राइवेट अस्पतालों के बेहद मजबूत गठजोड़ से चल रहा था.
राजस्थान सरकार में मचा हुआ है हड़कंप
उल्लेखनीय है मानव अंग प्रत्यारोपण के इस केस का खुलासा बीते अप्रेल माह में हरियाणा के गुरुग्राम में हुआ था. फिर इसके तार जयपुर से जुड़े तो राजस्थान पुलिस के कान खड़े हो गए. जयपुर कमिश्नरेट की एक टीम बाद में जांच के लिए गुरुग्राम पहुंची थी. फिर हाई लेवल पर मामले की जांच शुरू हुई. इस केस में कई गिरफ्तारियां और इस्तीफे हो चुके हैं. सरकार पूरे मामले को जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है. अभी इसमें और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.