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December 9, 2024 6:56 pm

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समंदर पर तैरता हाईवे – इंजीनियरिंग का अजूबा….

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जब मैं अटलांटिक महासागर और मेक्सिको की खाड़ी के बीच मीलों के समुद्री रास्ते से गुज़र रही थी तो सीगल ऊपर चिल्ला रहे थे. ऐसा लग रहा था कि आसमान पिघल कर समंदर में मिल रहा था. जहां तक निगाह पहुंच रही थी नीले रंग का मंज़र था.

जैसे ही मैंने अपने धूप के चश्मे को एडजस्ट किया मुझे अपनी आंख के कोने से पानी में हल्की सी हरकत का पता चला. वहां एक बोटलनोज़ डॉल्फ़िन थी. उसके साथ उसके दोस्त भी थे और जल्द ही उस समूह ने जलीय बैले डांस का प्रदर्शन किया. उन्होंने लहरों में वापस गिरने से पहले ख़ूबसूरत आर्क (चाप) बनाया.

मछली पकड़ने वाली नावें मेरे इर्द-गिर्द घूम रही थीं और मेरा भी मछली पकड़ने के लिए बंसी डालने का जी चाहा लेकिन हाईवे पर 50 मील प्रति घंटा की रफ़्तार से गाड़ी चलाते हुए ऐसा करना मुश्किल होता.

मायामी से की वेस्ट, फ़्लोरिडा के द्वीप तक सफ़र करना कभी भी आज जितना आसान नहीं था. बीसवीं सदी की शुरुआत में अमेरिकी महादेश के दक्षिणी छोर तक पहुंचने का अकेला रास्ता नाव से एक दिन का सफ़र था और वह भी मौसम और लहरों पर निर्भर था.

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ओवरसीज़ हाईवे

‘ओवरसीज़ हाईवे’ के नाम से मशहूर इंजीनियरिंग के एक आश्चर्यजनक अजूबे की बदौलत जब मैं एक ऐसी जगह पर जा रही थी जहां उत्तरी अमेरिका और कैरेबियन मिलते हैं तो मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं मैनग्रोव के जंगलों और केज़ (चट्टानों) के बीच तैर रही थी. यह हाईवे मध्य भाग के दक्षिणी सिरे से 42 पुलों पर 44 ट्रॉपिकल द्वीपों पर 113 मील तक फैली हुई है.

‘ओवरसीज़ हाईवे’ असल में ओवरसी रेलरोड के तौर पर शुरू हुई थी और यह दूरदृष्टि वाले डेवलपर हेनरी मॉरिसन फ़्लेगलर (इन्हें फ़्लोरिडा का पिता कहा जाता है) के दिमाग़ की देन थी. सन 1870 में फ़्लेगलर ने कारोबारी जॉन डी रॉकफ़ेलर के साथ मिलकर स्टैंडर्ड ऑयल कंपनी की संयुक्त बुनियाद रखी. यह 20वीं सदी की शुरुआत में दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे शक्तिशाली कॉर्पोरेशनों में से एक बन गई.

फ़्लोरिडा का दौरा करने और ‘दी सनशाइन स्टेट’ की पर्यटकीय क्षमता को स्वीकार करने के बाद फ़्लेगलर ने उस क्षेत्र में अपनी अधिकतर दौलत ख़र्च की.

उन्होंने भव्य रिज़ॉर्ट्स बनवाए जिसने अमेरिका की सबसे ग़रीब राज्यों में से एक को उत्तर पूर्वी अमेरिका के यात्रियों के लिए सर्दियों का स्वर्ग बना दिया. इसके बावजूद मेहमानों के लिए फ़्लैगलर के शानदार लेकिन दूर दराज़ स्थित मनोरंजन स्थलों तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं था.

इसलिए सन 1885 में फ़्लेगलर ने फ़्लोरिडा के अटलांटिक महासागर के किनारे के साथ फ़्लोरिडा के उत्तरी सिरे पर जैक्सनविल से राज्य के दक्षिणी सिरे के पास मायामी तक अलग-अलग रेलवे लाइनों का एक जाल बिछा दिया.

मायामी को इस लाइन का अंतिम छोर होना चाहिए था लेकिन जब अमेरिका ने 1904 में पनामा नहर पर निर्माण शुरू किया तो फ़्लेगलर ने की वेस्ट के लिए ज़बर्दस्त संभावना देखी, नहर के सबसे पास ज़मीन का टुकड़ा और दक्षिण पूर्वी अमेरिका में सबसे गहरी बंदरगाह.

सिगार और मछली उद्योग की बदौलत यह व्यस्त केंद्र पहले ही फल फूल रहा था लेकिन द्वीप के सुदूरवर्ती स्थान पर होने की वजह से सामान को उत्तर की ओर भेजना मुश्किल और महंगा बन गया.

इसलिए फ़्लेगलर ने अपने ट्रैक को 156 मील दक्षिण में की वेस्ट तक बढ़ाने का फ़ैसला किया जिसका अधिकतर हिस्सा खुले समंदर पर था.

‘दुनिया का आठवां अजूबा’

इस कथित ‘की वेस्ट एक्सटेंशन’ को उनके बहुत से समकालीन लोगों ने असंभव बताया था और उनकी सोच को उनके आलोचकों ने ‘फ़्लेगलर की मूर्खता’ का नाम दिया था. सन 1905 और 1912 के बीच तीन समुद्री तूफ़ानों ने निर्माण स्थल को प्रभावित किया जिसमें 100 से अधिक मज़दूर मारे गए.

लेकिन फ़्लेगलर बिना डरे आगे बढ़ते रहे और इसमें सात साल लगे. पांच करोड़ डॉलर (आज के 1.56 अरब डॉलर) और रेलवे के निर्माण के लिए चार हज़ार अफ्रीकी-अमेरिकी, बहामी और यूरोपीय प्रवासियों ने मगरमच्छों, बिच्छुओं और सांपों से मुक़ाबला किया.

आख़िरकार जब 1912 में यह रेलरोड पूरी तरह बन गई तो उसे ‘दुनिया का आठवां अजूबा’ कहा गया.

ट्रेन की उद्घाटन यात्रा के दौरान लकड़ी के जलावन से चलने वाला एक इंजन मायामी से की वेस्ट पहुंचा, जिसमें उस समय 82 साल के हो चुके फ़्लेगलर को ले जाया गया. वहां पहुंचने पर वह अपनी निजी सवारी कार से निकले. यह कार पाम बीच में फ़्लेगलर म्यूज़ियम में देखी जा सकती है. उन्होंने कथित तौर पर अपने दोस्त से कहा, “अब मैं ख़ुश होते हुए मर सकता हूं. मेरा सपना पूरा हो गया.”

फ़्लोरिडा के इतिहासकार ब्रेड बरटेली का कहना है, “यह बात बताने लायक़ है कि फ़्लेगलर ने इस पर हुए ख़र्च में तीन करोड़ डॉलर से अधिक अपनी जेब से दिए थे. जेफ़ बेज़ोस या बिल गेट्स आज ऐसा करने में सक्षम हो सकते हैं. इसकी सबसे अच्छी आधुनिक तुलना एलन मस्क के स्पेस एक्स के साथ की जा सकती है.”

यह रेलरोड 1935 तक चलती रही जब सदी का सबसे भयानक समुद्री तूफ़ान मीलों तक पटरियों को बहा ले गया. फ़्लेगलर की इस उत्कृष्ट कृति को दोबारा बनाने के बदले इसे नया रूप दिया गया ताकि गाड़ियों के लिए अमेरिकियों का नया शौक़ पूरा किया जा सके.

सन 1938 में अमेरिकी सरकार ने फ़्लेगलर के उन मज़बूत पुलों पर भरोसा करते हुए, जो 200 मील प्रति घंटा की रफ़्तार से चलने वाली हवाओं में भी टिके रह सकते थे, एक ओवर वॉटर रोड बनाने का फ़ैसला किया जो दुनिया की सबसे लंबी ऐसी सड़कों में शामिल होती.

इस काम में लगे दल ने कारों को जगह देने के लिए पटरियों को बराबर किया और नई खुली ओवरसीज़ हाईवे ने दूर दराज़ के फ़्लोरिडा कीज़ को हमेशा के लिए आज के फलते-फूलते पर्यटक स्थल में बदल दिया.

रेलरोड बनने के एक सदी से अधिक समय के बाद भी उस समय के बने बीस पुलों से होकर अब भी यात्रियों को मायामी से की वेस्ट ले जाया जाता है.

आप चार घंटे से भी कम समय में ड्राइव कर सकते हैं. इस रास्ते पर सफ़र करना भी मनोरंजन का हिस्सा है.

इंजीनियरिंग का अजूबा

आकर्षक स्टॉप्स की शृंखला यात्रियों को यह समझने का बेहतरीन मौक़ा देती है कि इंजीनियरिंग का यह अजूबा कैसे बना और इसने कैसे फ़्लोरिडा कीज़ पर हमेशा के लिए असर डाला. मायामी से 69 मील दक्षिण स्थित ‘की लार्गो’ फ़्लोरिडा कीज़ का सबसे उत्तरी और पहला स्टॉप है.

मगरमच्छ, सांप और दूसरे जलीय जीव-जंतुओं ने फ़्लेगलर के निर्माण दल को भयभीत किया होगा लेकिन इन दिनों यात्री ‘की लार्गो’ आते हैं ताकि इसके समुद्री जीवन को देख सकें. की लार्गो को दुनिया की ‘गोताखोरी राजधानी’ बताया जाता है.

जॉन पेनीकैम्प कोरल रीफ़ स्टेट पार्क से लगी फ़्लोरिडा कीज़ नेशनल मैरिन सैंकचुरी उत्तर अमेरिका की इस इकलौती जीवित कोरल बैरियर रीफ़ में डुबकी लगाने के लिए गोताख़ोरों को अपनी ओर आकर्षित करती है.

यहां समंदरी घास के फ़र्श, मछलियों, मैनाटी (समुद्री गाय) और समुद्री कछुओं के लिए महत्वपूर्ण प्राकृतिक वास उपलब्ध कराते हैं. यहां सबसे बड़ा आकर्षण ‘क्राइस्ट ऑफ़ द डीप’ की बांहें फैलाए हुई नौ फ़ुट ऊंची कांसे की मूर्ति है जो 1965 से पर्यटकों का ध्यान खींच रही है.

पानी से निकलकर जब आप धरती पर आ जाएं तो इस्लामोराडा का रुख़ करें, मायामी और की वेस्ट के बीच की एक बसावट जो कभी समंदर के ऊपर रेलवे स्टेशन की जगह हुआ करती थी.

यहां ‘कीज़ हिस्ट्री ऐंड डिस्कवरी सेंटर’ में 35 मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री रेलरोड के निर्माण और इसमें आने वाली बाधाओं के बारे में बताती है. इस म्यूज़ियम में ट्रेन के सुनहरे दौर की कलाकृतियां भी रखी गई हैं. इनमें कार में पेश किए जाने वाले पकवान भी शामिल हैं. साथ ही उस समय का असल मेन्यू कार्ड भी दिखाया गया है जिसमें एक सर्लोइन (बीफ़) स्टीक की क़ीमत 1.6 डॉलर दिखाई गई है.

सेवन माइल ब्रिज

सन 1908 से 1912 तक लगभग 400 मज़दूरों ने, जो इस्लामोराडा से 35 मील दक्षिण स्थित एक छोटे से द्वीप ‘पिजन की’ के कैंप में रहते थे, समंदर के ऊपर रेलवे का सबसे मुश्किल हिस्सा मशहूर ‘सेवन माइल ब्रिज’ बनाया. इसे ओल्ड सेवन भी कहा जाता है. यह मध्य और निचले कीज़ (नीचे बसा द्वीपों) को जोड़ता था.

सन 1909 में सिविल इंजीनियर विलियम जे क्रोम को खुले पानी के 6.8 मील के हिस्से को पार करने का मुश्किल काम सौंपा गया. निर्माण दल 24 घंटे काम करता रहा और इस रास्ते का सबसे लंबा पुल बनाने के लिए समंदर के बीच में 700 से अधिक सहायक पाइलिंग चल रहा था जो कभी-कभी समंदर की सतह से लगभग 30 फ़ुट नीचे होता था.

उन्हें उन गोताख़ोरों की मदद मिली हुई थी जिन्होंने रेलवे ट्रैक के वज़न को सहारा देने के लिए पानी के अंदर कंक्रीट पेडेस्टल बनाने में मदद की.

पुराने कंस्ट्रक्शन कैंप के खंडहर तक पहुंचने के लिए मैराथन शहर से पिजन की तक पुराने पुल पर ट्रॉली ली जा सकती है.

2.2 मील का सेक्शन (एकमात्र भाग जहां पहुंचा जा सकता है) जनवरी 2022 में 44 मिलियन डॉलर की लागत से किए गए जीर्णोद्धार के बाद खोला गया है.

ट्रॉली के अलावा हर तरह की ट्रैफ़िक के लिए बंद एक समय में जर्जर हो रहा यह पुल अब उन लोगों के लिए एक सुरक्षित मैदान बन गया है जो बिल्कुल साफ़ पानी से 65 फ़ीट ऊपर साइकिल चलाना या स्केचिंग करना चाहते हैं या समुद्री जीवन का अनुभव करना चाहते हैं, जैसे समुद्री कछुओं और शार्क का.

आज पिजन की पर केवल चार स्थायी निवासी रहते हैं. पांच एकड़ पर फैला यह द्वीप अब एक राष्ट्रीय ऐतिहासिक लैंडमार्क है और अधिकतर सौर ऊर्जा पर चलाया जाता है.

संग्राहलय और प्रदर्शनी

यहां एक संग्रहालय भी है जहां कई इमारतें के दौरे करवाए जाते हैं जिनमें कभी यहां काम करने वाले लोगों को रखा जाता था। यहां बताया जाता है कि ‘सेवन माइल ब्रिज’ के निर्माण के दौरान वहां काम करने वालों का जीवन कैसा था.

आज ओवरसीज़ हाईवे पर सफ़र करने वाले जानते हैं कि उनका सफ़र उस समय पूरा होता है जब वह की वेस्ट में यूएस 1 का लैंडमार्क देखते हैं. यहां काले और सफ़ेद निशान सबसे दक्षिणी छोर का इशारा करते हैं. इसका मतलब होता है कि यात्री अब मायामी (132 मील उत्तर) की तुलना में क्यूबा (90 मील दक्षिण के पास) हैं.

हालांकि बहुत से पर्यटक सीधे शहर के बीच डुवल स्ट्रीट या अमेरिकी लेखक अर्नेस्ट हेमिंग्वे के घर और म्यूज़ियम की तरफ़ जाते हैं लेकिन रेल म्यूज़ियम भी दर्शनीय है.

म्यूज़ियम में की वेस्ट के 500 साल के इतिहास को दर्शाया गया है. इसमें दिखाया गया है कि किस तरह यह सात वर्ग मील का द्वीप समुद्री लुटेरों की पनाहगाह से व्यापारिक केंद्र में बदल गया और एक पर्यटन स्थल बन गया.

रेलवे के दौर की कलाकृतियों में वेतन भुगतान करने वाले की गाड़ी शामिल है जो रेलवे कर्मचारियों को वेतन देने के लिए एक तरह के मोबाइल बैंक के तौर पर काम करती थी.

आधुनिक दुनिया के आठवें अजूबे की प्रदर्शनी में इस बात को दिखाया गया है कि रेल रोड का विकास कैसे हुआ और बीसवीं सदी की तकनीकी सीमाओं से पार लगाते हुए कैसे हर रुकावट को दूर किया गया.

फ़्लोरिडा के इतिहासकार और लेखक डॉक्टर कोरी कन्वर्टीटो का कहना है, “अगर मुझे फ़्लोरिडा कीज़ के इतिहास की सबसे प्रभावशाली घटना बतानी हो तो यह बिना शक फ़लेगलर के ओवरसी रेलवे का निर्माण होगा.”

“उनकी समझ, दूरदृष्टि, लगन और उद्यम से कीज़ पहली बार अमेरिकी धरती से जुड़े. लोगों और द्वीपों तक आने वाले पर्यटकों को इससे होने वाले व्यापारिक और यात्रा संबंधी लाभ को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. उसने कीज़ की अर्थव्यवस्था के मार्ग को सदा के लिए प्रभावित किया और आज जो पर्यटन उद्योग हम देख रहे, उसके दरवाज़े खोल दिए.”

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