ईरान में एक्टिव इजराइल की खुफिया एजेंसी के बारे में जो दावा किया जा रहा है वो चौंकाने वाला है. ईरान के सांसद मुस्तफा क्वाकबियान ने एक यहूदी महिला कैथरीन पेरेज शकदम पर जासूसी का आरोप लगाया है. शकदम खुद को पॉलिटिकल एनालिस्ट बनाती हैं और कई मौकों पर बुर्के में देखी गई हैं. सांसद मुस्तफा का आरोप है कि शकदम ने ईरान के तकरीबन 120 बड़े लोगों के साथ अवैध संबंध बनाए हैं और ईरान के बारे में जासूसी की है. इस बयान के बाद मुस्तफा पर मुकदमा दर्ज किया गया है, लेकिन कैथरीन शकदम पर कई सवाल खड़े हो गए हैं.
ऐसा पहली बार नहीं जब कैथरीन पर जासूस होने के आरोप लगे हों, वह पिछले 15 साल से वह कई बार इस तरह के आरोपों का सामना कर चुकी हैं, लेकिन बार कैथरीन ने यही कहा कि वह सिर्फ एक पॉलिटिकल एनालिस्ट हैं. 2022 में बीबीसी फारसी को भी उन्होंने एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें कहा था कि वह किसी देश की जासूस या एजेंट नहीं है. उस दौर में भी कैथरीन के ईरानी अधिकारियों के साथ संबंधों की खबरें मीडिया में लगातार उठ नहीं थीं, तब भी कैथरीन ने जवाब दिया था कि किसी भी ईरानी अधिकारी ने उनसे कोई व्यक्तिगत संपर्क नहीं किया.
कौन हैं कैथरीन शकदम?
कैथरीन शकदम एक पॉलिटिकल एनालिस्ट हैं जो मिडिल ईस्ट के मामलों में दिलचस्पी रखती हैं. टाइम्स ऑफ इजराइल में उनके आर्टिकल लगातार प्रकाशित होते रहते हैं. इसमें उनके प्रोफाइल के मुताबिक कैथरीन का जन्म फ्रांस में एक यहूदी परिवार में हुआ, बाद में उन्होंने यमन के एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी की और उनकी रुचि इस्लाम और मिडिल ईस्ट में बढ़ी.
इससे पहले वे हेनरी जैक्सन सोसाइटी में रिसर्चर रह चुकी हैं और यमन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सलाहकार के तौर पर भी काम किया है.कैथरीन को ईरान, आतंकवाद और इस्लामी चरमपंथ का एक्सपर्ट माना जाता है. कैथरीन उन लोगों में रहीं हैं जिन्होंने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर को आतंकवादी संठन के तौर पर सूचीबद्ध करने का आह्वान किया था.
तकरीबन एक साल पहले उन्हें ब्रिटेन में स्थित संगठन वी बिलीव इन इजराइल का नया डायरेक्टर बनाया गया था जो यहूदी और गैर यहूदी समर्थकों को एकजुट कर इजराइल के राजनीतिक, सामाजिक समर्थन को बढ़ावा देने का काम करता है.
ईरान में लगातार एक्टिव रहीं हैं कैथरीन
कैथरीन पर ये आरोप ऐसे ही नहीं लगे, दरअसल कैथरीन पेरेज शकदम कई साल तक ईरान में एक्टिव रहीं हैं.2010 के आसपास उन्होंने पहली बार ईरान का दौरा किया था और इस्लामी गणराज्य के कई सरकारी मीडिया संस्थानों के लिए आर्टिकल लिखे थे. वह खामेनेई की वेबसाइट और रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर के लिए भी आर्टिकल लिखती रहीं हैं.2017 में उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार इब्राहिम रईसी का भी साक्षात्कार लिया था.
उन्होंने यहां तक दावा किया था कि उन्होंने ये आर्टिकल खामेनेई के अनुरोध पर लिखे थे. बाद में उनके ब्लॉग इजराइली अखबार में प्रकाशित हुए. इसमें उन्होंने ईरान की लीडरशिप की आलोचना की और विवाद बढ़ गया.
खामेनेई की वेबसाइट पर प्रकाशित कैथरीन का आर्टिकल. (फोटो- Khamenei.IR)
लगने लगे जासूसी के आरोप
इजराइली मीडिया में ब्लॉग प्रकाशित होने के बाद कैथरीन के लेख खोमनेई की आधिकारिक वेबसाइट से हटाए दिए गए है. ईरान में एक पक्ष का मानना था कि वह इजराइल के लिए जासूसी कर रही हैं. 2021 में पूर्व ईरानी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के करीबी लोगों के नाम से जाने जाने वाले टेलीग्राम चैनल सुल्थ ने शकदम की एक तस्वीर प्रकाशित की और दावा किया कि असल में वह इजराइली सरकार की प्रतिनिधि थीं.
दरअसल कैथरीन को पेरेज शकदम को फारसी भाषा के वीडिया में ज्यादा प्रसिद्धि नहीं मिली थी. वह ईरान के अंग्रेजी चैनल सदा ए सिमा में भी काफी समय तक पॉलिटिकल एनालिस्ट रह चुकी थी. उन्होंने IRGC से जुड़े कई व्यक्तियों के इंटरव्यू लिए थे, जिन्होंने जासूसी के आरोप लगने के बाद उनसे दूरी बनाना शुरू कर दिया था. खामेनेई की वेबसाइट पर प्रकाशित उनके 18 लेखों को भी हटा लिया गया था.
अक्सर बुर्के में नजर आती थीं कैथरीन
कैथरीन पर ये दावा इसलिए भी लगा कि ईरान दोरे के दौरान वह अक्सर बुर्के में नजर आती थीं. हालांकि बीबीसी के 60 मिनट कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि सुप्रीम लीडर खामेनेई के कार्यालय ने खुद आर्टिकल लिखने के लिए संपर्क किया था, जिसका भुगतान तक नहीं मिला. खास बात ये है कि ईरान में रहने के बाद शकदम खुद को मुस्लिम महिला और शिया मान्यताओं के अनुयायी के तौर पर प्रस्तुत करती रहीं हैं.
हालांकि जासूसी के आरोपों को वे हमेशा गलत बताती रही हैं. वह अक्सर बुर्के में नजर आती थीं, हालांकि इसके पीछे उनका कहना है कि जब आप ईरान में जाते हैं तो आपको बुर्का पहनने के लिए मजबूर किया जाता है. उन्होंने बताया कि मेरे पति मुसलमान थे, इसलिए मैंने हिजाब पहनने का फैसला किया, मगर पति से अलग होने के बाद मैंने हिजाब को छोड़ दिया.
ईरान के अधिकारियों ने खुद किया था संपर्क
कैथरीन ने बार-बार जोर देकर दावा किया कि उन्होंने कभी इस्लामिक रिपब्लिक अधिकारियों से संपर्क नहीं किया, बल्कि ईरान ने खुद उनसे संपर्क कर उन्हें फिलिस्तीन सम्मेलन में आमंत्रित किया था. उन्होंने कहा कि मैं किसी के पीछे नहीं पड़ी, बल्कि वे मेरे पीछे पड़े थे. मैंने बस उनका आमंत्रण स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि मैं ईरान फ्रांस के पासपोर्ट पर गई थी और उन्हें मेरी यहूदी पहचान के बारे में पता था, लेकिन मेरे पति मुस्लिम थे. इसीलिए मेरे ऊपर संदेह का कोई कारण नहीं था.
ईरान को सामान्य यहूदियों से समस्या है इजराइल से नहीं
कैथरीन ने दावा किया कि ईरान की सरकार से तालमेल बैठाने की सिर्फ एक वजह ये थी कि क्योंकि वह गहराई से देखना चाहती थी कि ईरान को इजराइल से समस्या क्या है? हालांकि वह कहती हैं कि ईरान को इजराइल से नहीं बल्कि सामान्य यहूदियों से समस्या है. इसी दौरान उन्होंने टाइम्स ऑफ इजराइल के एक लेख में दावा किया था कि ईरान परमाणु बम बनाने की कोशिश कर रहा है, हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया था कि ये उनकी निजी राय है.
रईसी की तारीफ, ईरान की आलोचना
कैथरीन ने इब्राहिम रईसी से तब मुलाकात की थी जब वे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे. इसे रश्त शहर में रिकॉर्ड किया गया था. चार साल बाद टाइम्स ऑफ इजराइल में लिखे लेख में उन्होंने रईसी को एक इमोशनल व्यक्ति बताया था जो शक्ति और रणनीति को समझता है. उन्होंने लिखा था कि रईसी अन्य लोगों से अलग हैं, क्योंकि उन्हें सीधे खामेनेई की विचारधारा से प्रशिक्षित किया गया है. हालांकि हालिया ईरान और इजराइल के बीच तनाव पर जेरूसलम सेंटर फॉर सिक्योरिटी एंड फॉरेन अफेयर्स के लिए एक लिखा जिसमें उन्होंने दावा कि ईरान अपने अस्तित्व के बजाय शहादत और विनाश के लिए काम काम कर रहा है.
