बिहार में सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 22 लाख से भी ज्यादा अकाउंट हैं. इन अकाउंट के माध्यम से जरूरतमंदों के सपने पूरे हो रहे हैं. यह जानकारी बिहार डाक परिमंडल ने सोमवार को सुकन्या समृद्धि योजना के 10 साल पूरा होने पर दी है. डाक विभाग ने सुकन्या समृद्धि योजना से संबंधित और भी कई तरह की जानकारी साझा की है. बता दें कि इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में की थी.
डाक विभाग ने सुकन्या समृद्धि योजना के संबंध में आंकड़े जारी किए हैं. इस बारे दी गई जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत बिहार में 22.62 लाख ग्राहक हैं. जिनमें कुल 10,801 करोड रुपए जमा हैं. इनमें डाकघर में 18.37 लाख अकाउंट हैं, जबकि बैंकों में 4.24 लाख अकाउंट हैं. इस सूची में सबसे ऊपर उत्तर प्रदेश का स्थान है. उत्तर प्रदेश में इस योजना को लेकर 46.46 लाख अकाउंट खोले गए हैं.
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2015 में हुई थी शुरुआत
बता दें कि सुकन्या समृद्धि योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के हिस्से के रूप में हरियाणा के पानीपत में जनवरी 2015 में प्रधानमंत्री ने शुरू की थी. यह योजना केंद्र सरकार ने दिसंबर 2014 में सरकारी बचत बैंक संवर्धन अधिनियम 1873 की धारा 15 के तहत दी गई शक्तियों के संदर्भ में तैयार की गई थी. सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार की ओर से बालिकाओं के लिए शुरू की गई एक बचत योजना है, जिसका उद्देश्य उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है.
4.2 करोड़ से अधिक अकाउंट
यह योजना 10 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं के नाम पर खोली जा सकती है और इसमें निवेश करके बेटियों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सकता है. योजना शहरी के साथ ही ग्रामीण इलाकों में बहुत लोकप्रिय रही है. एनएसआई की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2025 के अंत में 2.73 लाख करोड़ रुपए की कुल जमा राशि के साथ इस योजना के तहत 4.2 करोड़ से अधिक अकाउंट खोले गए हैं.
