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May 17, 2025 2:09 am

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क्या Apple और Tesla चीन से भारत का करेंगे रुख……’ट्रंप टैरिफ से नुकसान कम, फायदा हो सकता है ज्यादा!

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भारत-अमेरिका के तब से रिश्ते साल दर साल बेहतर होते चले गए हैं, जब अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पहली बार वाजपेयी सरकार में भारत का दौरा किया था. इसके बाद जार्ज बुश रहें हो या ओबामा या खुद ट्रंप और जो बाइडन भारत और अमेरिका के रिश्तों में हमेशा गर्मजोशी देखी गई है. फिर चाहे वो व्यापारिक रिश्ते हो या फिर रक्षा क्षेत्र से जुड़े हुए हो. इस सबके बीच हाल में ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल (अमेरिकी समय अनुसार) शाम 4 बजे भारत सहित दुनिया के 60 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा करते हुए भारत को वेरी वेरी टफ पार्टनर बताया. साथ ही ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महान मित्र कहा, लेकिन यह भी जोड़ा, लेकिन आप हमें सही तरीके से नहीं व्यवहार कर रहे हैं. इसके बाद उन्होंने भारत के ऑटो सेक्टर पर 25 प्रतिशत और बाकी प्रोडक्ट पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया. अब सवाल उठता है कि क्या भारत को इस रेसिप्रोकल टैरिफ से नुकसान होगा या फिर भारत नुकसान से ज्यादा इसका फायदा उठा लेगा?

भारत में लगा 26 तो चीन पर लगा 34 प्रतिशत टैरिफ

डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को जिन देशों पर टैरिफ लगाया उसमें भारत सहित 60 देश शामिल थे और उसमें चीन भी था. जहां भारत पर ट्रंप ने 26 फीसदी टैरिफ की घोषणा की वहीं चीन पर 34 फीसदी टैरिफ लगाया. इस सबके बीच चीन और अमेरिका के बीच गर्माहट का माहौल देखने को मिला और अगले ही दिन चीन ने अमेरिका के सभी प्रोडक्ट पर 34 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी. अब इस सबका असर अमेरिका की चीन में काम करने वाली कंपनियों पर दिखना शुरू हो गया है.

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US और भारत के बीच हुई BTA मीटिंग

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणा से कुछ ही दिन पहले भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के तहत पहली मीटिंग हुई. जिसमें दोनों देशों के बीच 2030 तक व्यापार को 190 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अबर डॉलर तक पहुंचाने की बात हुई. इस बैठक में अमेरिका ने कुछ औद्योगिक वस्तुओं, वाहन, शराब, पेट्रोकेमिकल उत्पादों, डेयरी, कृषि वस्तुओं में भारत से शुल्क रियायतों की मांग की है. जिसका असर ये हुआ कि अमेरिका ने भारत के डेयरी प्रोडक्ट्स पर कोई टैरिफ नहीं लगाया. साथ ही आने वाले महीनों में BTA की और भी बैठक होगी, जिसमें टैरिफ पर चर्चा होना निश्चित है.

चीन से भारत आ सकती हैं अमेरिकी कंपनी

चीन इस समय दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब है. ये सब चीनी सरकार द्वारा कंपनियों को दी जाने वाली सहूलियत के बदौलत हुआ है. अब चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार शुरू हो गया है. दोनों देश एक दूसरे पर टैरिफ की बौछार कर रहे हैं. ऐसे में चीन में जो अमेरिकी कंपनी है वो अपने प्लांट भारत की ओर शिफ्ट कर सकती है. ताजा नाम इसमें टेस्ला है, जो फिलहाल भारत में सीबीयू (कंबाईड बिल्ट यूनिट) भारत में इंपोर्ट करके सेल करेगी, लेकिन आने वाले दिनों में भारत में टेस्ला की इलेक्ट्रिक कार बनना शुरू हो सकती हैं.

वहीं Apple ने पहले ही भारत में अपने उत्पादन का विस्तार करना शुरू कर दिया है। कंपनी ने भारत में iPhone निर्माण को बढ़ावा दिया है, और अनुमान है कि निकट भविष्य में वैश्विक iPhone उत्पादन का लगभग 25% भारत में होगा. यह वृद्धि आंशिक रूप से ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण है, जिसने चीन और वियतनाम में निर्माण को कम आकर्षक बना दिया है. इसके अलावा कई दूसरी अमेरिकी कंपनी चीन से भारत का रुख कर सकती है, जिसका भारत को फायदा होना स्वाभाविक है.

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