बीते 9 सालों में यानी 2016 से अब तक भारत की ओर से पाकिस्तान की सीमा में घुसकर तीन हमले किए जा चुके हैं। उरी अटैक, पुलवामा और अब पहलगाम आतंकी हमलों का जवाब भारत ने एक ही भाषा में दिया। यह भाषा थी कि दुश्मन को उसके घर में घुसकर मारना है। भारत ने इस बार तो एक साथ 9 पाकिस्तानी ठिकानों पर हमले बोले। इनमें लश्कर-ए-तैयबा से लेकर जैश-ए-मोहम्मद तक के ठिकाने शामिल हैं। मुरीदके और बहावलपुर में तो इन आतंकी संगठनों के मुख्यालय ही हैं, जिन्हें भारतीय सेना ने नेस्तनाबूद किया है। इसके अलावा मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड मौलाना मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग और 4 करीबी भी मारे गए हैं।
इन हमलों के बाद से पाकिस्तान में भी चर्चा तेज है कि आखिर इस तनाव का नतीजा क्या होगा। पाकिस्तान के रक्षा और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अब यह उनके देश के लिए मुश्किल वक्त है। पाकिस्तान की वरिष्ठ पत्रकार मलीहा लोधी कहती हैं कि भारत ने बीते 9 सालों में तीन बार इस तरह पाकिस्तान पर एय़रस्ट्राइक की हैं। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के आगे यह चुनौती कि वह जवाब दे ताकि लोगों को यह यकीन हो कि उनके देश के लिए भारत की एयरस्ट्राइक सामान्य बात नहीं है। मलीहा लोधी का कहना है कि भारत ने जिस तरह कुछ-कुछ सालों के अंतराल पर तीन हमले किए हैं, उससे बड़े सवाल खड़े होते हैं.
पूर्व राजनयिक मलीहा लोधी ने कहा, ‘यह गंभीर मसला है। भारतीय आक्रमण के चलते यह स्थिति पैदा हुई है। पाकिस्तान का कहना है कि उसने इसका जवाब दिया है और सीमा पर कुछ भारतीय चौकियों को नुकसान पहुंचा है। लेकिन पाकिस्तान की ओर से मजबूती से जवाब देने की जरूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान नहीं चाहेगा कि भारत की ओर से ऐसे हमले होना आम बात हो जाए। इसलिए उसके आगे एक मजबूरी खड़ी हो गई है।’ हालांकि उनका कहना है कि इस तनाव के खत्म होने की उम्मीद अमेरिका के दखल पर ही संभव है। वह लिखती हैं कि यह साफ नहीं है कि बड़ी जंग टलेगी या नहीं। लेकिन अमेरिका के दखल पर ही कुछ संभव है। पहले भी अमेरिका के दखल पर ही दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति को टाला गया है।
अमेरिकी एक्सपर्ट बोले- 2019 के मुकाबले हालात ज्यादा तनावपूर्ण
वहीं अमेरिका के विदेश नीति मामलों के एक्सपर्ट माइकल कुगेलमैन का कहना है कि 2019 के हमले की तुलना में भारत का यह अटैक काफी बड़ा है। वह कहते हैं कि इस बार हालात 2019 के मुकाबले ज्यादा तनावपूर्ण लग रहे हैं। यही नहीं उन्होंने कहा कि इस बार जंग बड़े लेवल पर पहुंचने का भी खतरा पैदा हो गया है।
