Explore

Search

February 10, 2025 7:53 pm

लेटेस्ट न्यूज़

नए जिले-संभाग: सदन स्थगित…….’कोर्ट में विचाराधीन मुद्दे पर चर्चा को लेकर विधानसभा में हंगामा….

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

जयपुर। राजस्थान में नए संभाग और जिले खत्म किए जाने का मामला कोर्ट में विचाराधीन होते हुए सदन में चर्चा कराई जा सकती है या नहीं। इस मुद्दे को लेकर बुधवार को राजस्थान विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने वैल में आकर तानाशाही नहीं चलेगी जैेसे नारे लगाए। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। लेकिन, जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और शोरशराबा जारी रखा। हंगामे और शोरशऱाबे के बीच ही सदस्यों ने पर्ची और विशेष उल्लेख के तहत अपने मुद्दे उठाए। हालांकि इस बीच अध्यक्ष की ओर से आधे घंटे की चर्चा कराए जाने का आश्वासन दिया गया। लेकिन, विपक्ष इससे संतुष्ट नही हुआ। बाद में सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दी गई।

शून्यकाल में इस मुद्दे पर संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल द्वारा व्यवस्था का प्रश्न उठाए जाने से हुआ। उन्होंने कहा कि नए संभाग और जिलों के गठन और खत्म किए जाने को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका विचाराधीन है। कोर्ट का निर्णय व्यापक जनहित को प्रभावित करेगा। इसलिए नियमों के तहत ऐसी विषय वस्तु पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती है।
इस पर विपक्ष के सदस्य उत्तेजित हो गए। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस विधायक गोविंद डोटासरा ने कहा कि इस मुद्दे पर आए प्रस्तावों को लेकर चर्चा कराए जाने के लिए अध्यक्षीय आसन से पहले ही व्यवस्था आ चुकी है। इसलिए अब उस व्यवस्था को नहीं बदला जाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने यह भी सुझाव दिया कि जिन जिलों और संभागों को लेकर याचिका लगी है, उन जिले और संभागों की वे चर्चा नहीं करेंगे. लेकिन बाकी जिलों और संभागों पर तो विचार रखे ही जा सकते हैं। लेकिन, सत्तापक्ष की ओर से संसदीय कार्यमंत्री चर्चा नहीं कराए जाने पर अड़े रहे।

बोले- संभाजी महाराज से बड़ा कुछ नहीं…..’राज ठाकरे से मिले ‘छावा’ के डायरेक्टर, हटाया डांस सीन…….


ऐसे तो विधानसभा के अधिकार ही छिन जाएंगे- डॉ. सुभाष गर्ग

इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए रालोद विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि जो विषय न्यायालय में विचाराधीन हैं, उन पर सदन में चर्चा कराई जा सकती है। ऐसे तो विधानसभा के अधिकार ही छीन जाएंगे क्योंकि फिर तो किसी विषय पर चर्चा ही नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी व्यवस्था है तो यह सभी मामलों में लागू करने का फैसला होना चाहिए कि जो विषय न्यायालय में विचाराधीन हैं, उन पर सदन में चर्चा नहीं होगी। उनकी मंशा है कि इस विषय पर चर्चा कराई जानी चाहिए। उनकी बात का विपक्ष ने पुरजोर समर्थन किया।

नियमों के तहत सदन में ऐसे विषयों पर चर्चा कराई जा सकती है – हरीश चौधऱी

इस मुद्दे पर सदन में अपनी बात रखते हुए कांग्रेस के हरीश चौधरी ने कहा कि नियमों में साधारणतया लिखा है। इस पर अध्यक्षीय व्यवस्था सदन में चर्चा कराए जाने की आ चुकी है। इसलिए नियमों में कहीं कोई बाधा नहीं है। लेकिन, संसदीय कार्य मंत्री अपने मन से ही इस विषय पर सदन में चर्चा नहीं कराना चाहिए। इस पर विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि सदन में आज ही सरकारी जमीनों पर अवैध बिजली कनेक्शनों का मुद्दा आया है। जमीनों समेत और बहुत से ऐसे मामले सदन में आते हैं जो कोर्ट में विचाराधीन हैं और उन पर सदन में चर्चा होती है। लेकिन, अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने दोनों पक्षों के लोगों को अपने कक्ष में बुलाकर चर्चा करने के बाद ही इस विषय पर कोई व्यवस्था दिए जाने की बात कही। इससे विपक्ष असंतुष्ट ही दिखा।

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर