UPI Jumped Deposit Scam: दिन प्रति दिन ऑनलाइन पेमेंट से जुड़े स्कैम के मामलों ने ने भारत सरकार की चिंता बढ़ा दी है। साइबर अपराधी नए-नए तरीके से लोगों को बेवकूफ बनाते हैं। बैंक अकाउंट पर सेंधन डालते हैं। लोगों की छोटी भूल बड़ा वित्तीय नुकसान करवा सकती है।
अब ठगों ने धोखाधड़ी का नया तरीका ढूंढ निकाला है। जिसमें यूपीआई यूजर्स को टारगेट बनाया जा रहा है। इस स्कैम को “जंप्ड डिपॉजिट स्कैम” बताया जा रहा है। इसे लेकर हाल ही में तमिलनाडु साइबर क्राइम पुलिस ने भी अलर्ट जारी किया है। बता दें कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस लेनदेन का बड़ा माध्यम बन चुका है। लाखों लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
कैसे होता है स्कैम
सबसे पहले स्कैमर्स इनाम के नाम पर यूपीआई यूजर्स को छोटी रकम भेजते हैं। इसी के साथ एक छुपा हुआ विड्रॉल रिक्वेस्ट भी आता है। यूजर्स 1000 रुपये से 5000 रुपये तक की रकम देखकर उत्साहित हो जाते हैं और यूपीआई या बैंकिंग ऐप पर बैंक बैलेंस चेक करने जाते हैं। बैलेंस चेक करने के लिए लोग जैसे ही पिन दर्ज करते हैं अधिक रकम वाली विड्रॉल रिक्वेस्ट एकसेप्ट हो जाती है और पैसे कहीं और चले जाते हैं। लोगों को पता भी चलता उनका पैसा कहाँ गया।
ऐसे करें बचाव
किसी आपके खाते में अचानक पैसे आए तो 15-20 मिनट बाद बैंक बैलेंस चेक करें।
- यदि आप इंतजार नहीं कर सकते हैं तो पहली बार में सही पिन न डालें।
- अकाउंट में अचानक डिपॉजिट होने पर बैंक से संपर्क करें। इस बारे में जानकारी प्राप्त करें।
- किसी भी अनजान व्यक्ति से पिन या ओटीपी साझा न करें।
- अनजान और अवैध वेबसाइट पर पर्सनल डिटेल्स साझा न करें।
कहाँ करें शिकायत
स्कैम का शिकार होने पर नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर इसकी रिपोर्ट दर्ज करें। आप नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन जाकर नहीं शिकायत कर सकते हैं। फ्रॉड वाले लेनदेन की शिकायत बैंक से करें।