यूपीआई ने भारत के डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है। यूपीआई को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा संचालित किया जा रहा है। आज के समय में देश में हर रोज करोड़ों की संख्या में इस प्लेटफॉर्म के जरिए डिजिटल लेन-देन को अंजाम दिया जा रहा है। यूपीआई ने डिजिटल लेन-देन को अधिक सरल और सुविधाजनक बनाया है।
इसी वजह से देश में बड़े पैमाने पर और बहुत कम समय में लोगों ने इस पेमेंट सिस्टम को अपनाया है। आप विभिन्न एप्लिकेशन पर यूपीआई की मदद से किसी के खाते में आसानी से पेमेंट भेज सकते हैं। यही नहीं, यूपीआई का उपयोग बिल भुगतान, रिचार्ज, ऑनलाइन शॉपिंग, और यहां तक कि छोटे लेन-देन में भी किया जा रहा है। इसके अलावा इसने डिजिटल इंडिया अभियान को भी सशक्त बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाई है।
हालांकि, यूपीआई से जुड़े फ्रॉड के मामले भी लगातार सामने आते रहते हैं। अगर आप भी यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए, वरना आपकी जरा सी लापरवाही बड़े नुकसान का कारण बन सकती है।
यदि आप यूपीआई का उपयोग कर रहे हैं, तो उसका पिन किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा न करें। इसके अलावा, यूपीआई के पिन को फोन कवर या किसी अन्य जगह पर न लिखें। ऐसा करने से आप फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं।
किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक करके पेमेंट न करें। कई ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें साइबर ठग लोगों को अज्ञात लिंक भेजकर उस पर क्लिक करके यूपीआई पिन दर्ज करने के लिए कहते हैं। उनके अनुसार, ऐसा करने से संबंधित व्यक्ति के खाते में पैसा आ जाएगा। यह एक फ्रॉड है।
ऐसा करने से आपके खाते से सारे पैसे साइबर ठग के खाते में पहुंच सकते हैं। आपको इस बारे में पता होना चाहिए कि यूपीआई पिन केवल तब दर्ज किया जाता है, जब किसी के खाते में पैसे भेजने होते हैं। इस कारण, आपको किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक करके यूपीआई पिन दर्ज नहीं करना चाहिए।
