Trump hotel explosion: अमेरिका के लास वेगास में ट्रंप होटल के बाहर नए साल के दिन धमाका हुआ, जिसमें एक टेस्ला साइबरट्रक का इस्तेमाल किया गया. पुलिस ने बताया कि इस हमले को अंजाम देने वाले पूर्व अमेरिकी सैनिक मैथ्यू लिवेल्सबर्गर ने जनरेटिव एआई टूल्स की मदद से अपने प्लान को तैयार किया. इस टूल्स में चैटजीपीटी भी शामिल है. जांच में पाया गया कि आरोपी ने चैटजीपीटी पर विस्फोटक उपकरण, फायरवर्क्स की कानूनी स्थिति, और गोला-बारूद की स्पीड से संबंधित जानकारी सर्च की थी. ऐसे में यह बहस भी शुरू हो गई कि यह तो एआई का भयंकर मिसयूज है.
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खतरनाक गेमचेंजर है ये तो..
असल में पुलिस ने इस घटना को जनरेटिव एआई के दुरुपयोग का पहला मामला बताया और इसे गेम-चेंजर करार दिया. एक अधिकारी ने कहा कि यह पहली बार है कि चैटजीपीटी का इस्तेमाल किसी उपकरण को बनाने में किया गया है. यह एक चिंताजनक स्थिति है. इस घटना की जानकारी अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा की जा रही है.
‘हमारी टेक्नोलॉजी को गलत तरीके से न करें इस्तेमाल’
घटना के खुलासे के बाद चैटजीपीटी की निर्माता कंपनी ओपनएआई ने कहा कि उनका एआई टूल खतरनाक और गैर-कानूनी गतिविधियों के लिए डिजाइन नहीं किया गया है. कंपनी ने बयान में कहा कि चैटजीपीटी केवल ऐसी जानकारी देता है जो पहले से इंटरनेट पर मौजूद है और खतरनाक गतिविधियों के खिलाफ चेतावनी भी देता है. हम पुलिस की जांच में पूरी मदद कर रहे हैं.
धमाके की जानकारी और आरोपी का प्लान
उधर पुलिस ने बताया कि लिवेल्सबर्गर ने लास वेगास जाते वक्त अपने टेस्ला साइबरट्रक में 60 पाउंड पटाखे और 70 पाउंड बर्डशॉट भरा था. उन्होंने रास्ते में ट्रक में ईंधन डाला और धमाके की तैयारी की. आरोपी के पास से एक छह पन्नों का दस्तावेज़, एक लैपटॉप, मोबाइल फोन और एक स्मार्टवॉच बरामद की गई है, जिसकी जांच अभी जारी है.
आरोपी का दावा- सिर्फ एक स्टंट था
वहीं पुलिस को मिले जर्नल में पता चला कि लिवेल्सबर्गर को लगता था कि उन पर निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने पहले यह धमाका एरिज़ोना के ग्रैंड कैन्यन ग्लास स्काईवॉक पर करने की योजना बनाई थी. आरोपी ने नोट्स में लिखा कि यह धमाका “देश की समस्याओं पर ध्यान दिलाने के लिए एक वेक-अप कॉल” था. इस धमाके में सात लोग मामूली रूप से घायल हुए, लेकिन ट्रंप इंटरनेशनल होटल को कोई नुकसान नहीं हुआ.