“इस पार्थिव जीवन का नाश निश्चित है, इसकी खुशियाँ समाप्त होना बिल्कुल तय है और इससे पहले कि तू ईश्वर के पास पश्चाताप की पीड़ा से छटपटाता लौटे, तू अचानक निद्रा से जगा दिया जायेगा और अपने को ईश्वर के सम्मुख पायेगा जहाँ तुझे अपने कर्मों का हिसाब देना होगा।”
————दिव्यात्मा बाब
Author: Sanjeevni Today
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