“अपनी परीक्षा कीघड़ियों में विलाप न कर, न ही आनंद मना। तू मध्यम मार्ग अपनाने की चेष्टा कर। अपनी व्यथाओं में मेरा स्मरण कर और भविष्य में जो कुछ तुझ पर आ पड़ने वाला है, उसका चिंतन कर। यही मध्यम मार्ग है। इस प्रकार तुम्हें सूचित करता है वह जो सर्वदर्शी हैं, जो हर बात को जानने वाला है।”
————– बहाउल्लाह
Author: Sanjeevni Today
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