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December 11, 2024 11:41 pm

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ये है वजह, पढ़ें पूरी खबर……..’RBI की बड़ी कार्रवाई, 3 बैंकों पर लगा भारी जुर्माना, 2 फाइनेंस कंपनियों का लाइसेंस रद्द…….

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RBI Action: भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन सहकारी बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। दो नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों का सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन (CoR) रद्द कर दिया है। इस संबंध में केंद्रीय बैंक में प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।

गुजरात के स्थित द खेड़ा पीपल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (खेड़ा), द कपड़वंज पीपल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (खेड़ा) और लूनावाड़ा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड पर आरबीआई ने मौद्रिक जुर्माना लगाया है। उल्हास सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड (गांधीनगर, गुजरात) और सिकार इन्वेस्टमेंट को-कोऑपरेटिव लिमिटेड (भरतपुर सिटी, राजस्थान) का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। इन कंपनियों को एनबीएफसी के तौर पर कारोबार करने की अनुमति नहीं होगी।

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आखिर क्यों उठाया आरबीआई ने यह कदम

आरबीआई ने लूनावाड़ा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड पर 2.10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह बैंक तीन सीआईसी को अपने उधारकर्ताओं कि क्रेडिट जानकारी प्रस्तुत करने में विफल रहा। रिजर्व बैंक से पूर्व अनुमोदन के बिना एक ऑन साइट ऑटोमेटिक टेलर मशीन (एटीएम) खोली। अपने ग्राहकों की केवाईसी का जोखिम आधारित अपडेट करने और निर्धारित अवधिकता के अनुसार खातों के जोखिम वर्गीकरण की समीक्षा करने में विफल रहा।

  • खेड़ा पीपल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर भी 2.10 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। यह बैंक विवेकपूर्ण अंतर बैंक प्रतिपक्ष जोखिम सीमा का अनुपालन करने में विफल रहा। इसके अलावा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पीएसएल लक्ष्य की प्राप्ति में कमी के विरुद्ध निर्धारित समय के भीतर और चेतावनी पत्र जारी होने के बाद भी सिडबी के पास रखे गए एमएससी पुनर्वित कोर्स में निर्धारित जमा राशि जमा नहीं कर पाया।
  • कपड़वंज पीपल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर आरबीआई ने 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बैंक ने चालू खाते के अलावा अन्य खातों में ब्याज मुक्त जमा स्वीकार किया। उन संस्थानों के बचत खाते खोले जिनकी पूरी आए आयकर की भुगतान से मुक्त नहीं थी। निर्धारित अवधिकता के अनुसार केवाईसी अपडेट और जोखिम खातों के लिए वर्गीकरण की समीक्षा करने में विफल रहा।
ग्राहक न लें टेंशन 

जिन भी ग्राहकों का खाता इन बैंकों में है उन्हें चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।  बैंकों के खिलाफ आरबीआई की यह कार्रवाई नियमों के अनुपालन में कंपनियों पर आधारित है। इसका प्रभाव ग्राहक और बैंक के बीच हो रहे लेन देन या समझौते पर नहीं पड़ेगा।

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