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December 10, 2024 11:41 am

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पिता ने डॉक्टर्स पर ऐसे बनाया था दबाव; 2 घंटे में 15 कॉल… पोर्श कांड में बदलने के लिए नाबालिग आरोपी के “ब्लड सैंपल” के हेरफेर…..

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महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे में हुए पोर्श कार एक्सीडेंट मामले में नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल के हेरफेर की जांच चल रही है. तीन सदस्यीय कमेटी ने मंगलवार को ससून जनरल हॉस्पिटल का दौरा किया. अब इस मामले में नया अपडेट सामने आया है.

जांच के दौरान पता चला है कि आरोपी के ब्लड सैंपल लेने से पहले डॉ. अजय तवारे और आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल के बीच व्हाट्सएप और फेसटाइम पर चौदह कॉल और एक नॉर्मल कॉल हुई थी. ये फोन कॉल सुबह 8:30 से 10:40 के बीच की गई थीं और सुबह 11 बजे ब्लड के सैंपल लिए गए थे.

बता दें कि पुलिस ने 19 मई को हुए हादसे के अगले दिन आरोपी के ब्लड सैंपल के बदलने का खुलासा किया था. इस खुलासे के बाद सरकारी अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट के चीफ डॉ. अजय तवारे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हल्नोर और एक स्टाफ अतुल घाटकांबले को गिरफ्तार किया था. इन तीनों पर आरोप है कि इन्होंने पैसों की लालच में आकर आरोपी का ब्लड सैंपल बदल दिया था, जिससे कार ड्राइवर आरोपी के शराब पीने की पुष्टि न हो सके.

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पब मालिकों की जमानत याचिका पर आज सुनवाई

मामले में नाबालिग और उसके दोस्तों को शराब सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार कॉजी और ब्लैक पब के मालिकों और कर्मचारियों ने सेशन कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी है. जमानत अर्जी पर आज दोपहर में सुनवाई होगी.

कैसे हुआ था हादसा?

पुलिस के मुताबिक, 19 मई की रात को बिजनेसमेन विशाल अग्रवाल का नाबालिग लड़का अपने दोस्तों के साथ 69 हजार की शराब गटक गया था. वो रात को अपने दोस्तों के साथ सबसे पहले पुणे के कोजी पब में गया. वहां रात 12 बजे तक जमकर शराब पिया. उसके बाद ड्रिंक्स सर्व करना बंद कर दिया गया, तो वो दोस्तों के साथ ब्लाक मैरिएट पब के लिए रवाना हो गया और जाने से पहले उसने पब में 48 हजार रुपए का बिल दिया. वह मैरिएट पब में भी 21 हजार रुपए की शराब गटक गया. इतनी शराब पीने के बाद नशे की हालत में उसने तीन करोड़ रुपए वाली पोर्श कार की चाभी अपने हाथ में ली और फर्राटे से सड़क पर उड़ने लगा.

रसूखदार परिवार से संबंधित है आरोपी

बता दें कि पूरे पुणे में अग्रवाल परिवार मशहूर है. आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल के स्वामित्व वाली कंपनियों की कुल नेट वर्थ करीब 601 करोड़ रुपए है. उनकी कई पीढ़ी कंस्ट्रक्शन के बिजनेस में रही है. ब्रम्हा कॉर्प नाम की कंस्ट्रक्शन कंपनी को आरोपी के परदादा ब्रम्हदत्त अग्रवाल ने शुरू की थी. उसके बाद उसका पिता विशाल करीब 40 साल पुरानी इस कंपनी का मालिक है. ब्रम्हदत्त ने पुणे के वडगांव शेरी, खराड़ी, विमान नगर इलाकों में कई बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाए हैं. इसके अलावा आरोपी के परिवार का ब्रम्हा मल्टीस्पेस और ब्रम्हा मल्टीकॉन जैसी बिजनेस कंपनियां भी है.

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