आज के ज़माने में अपना घर खरीदना किसी जंग जीतने से कम नहीं है. प्रॉपर्टी के दाम आसमान छू रहे हैं और आम आदमी का सपना बस सपना ही रह जाता है. ऐसे में होम लोन ने इस सपने को हकीकत में बदलने का रास्ता ज़रूर खोल दिया है. लोग बैंक से लोन लेकर अपने घर का सपना पूरा तो कर लेते हैं मगर ये लोन कोई छोटा-मोटा नहीं होता. इसकी EMI और लंबी अवधि लोगों को सालों तक चैन से बैठने नहीं देती. हर महीने EMI भरते-भरते लोग थक जाते हैं और सोचते हैं कि काश! इस बोझ से जल्दी छुटकारा मिल जाए. अगर आप भी इस जाल में फंसे हैं और होम लोन को जल्द से जल्द निपटाना चाहते हैं तो हम आपके लिए कुछ ऐसे धांसू तरीके लाए हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने लोन को तेज़ी से खत्म कर सकते हैं.
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प्री-पेमेंट है सबसे आसान रास्ता
होम लोन से जल्दी छुटकारा पाने का सबसे सीधा और आसान तरीका है प्री-पेमेंट. अब ये प्री-पेमेंट क्या है? मान लीजिए, आपके पास कुछ एक्स्ट्रा पैसे आए, जैसे बोनस, पुरानी FD टूटी, या फिर कोई इन्वेस्टमेंट से रिटर्न मिला. इन पैसों को आप अपने होम लोन की प्री-पेमेंट में डाल सकते हैं. ये राशि सीधे आपके लोन के मूलधन (प्रिंसिपल अमाउंट) में जाती है, जिससे न सिर्फ आपका ब्याज कम होता है, बल्कि लोन की अवधि भी छोटी हो सकती है.
मान लीजिए, आपने 50 लाख का होम लोन लिया है और हर महीने 50 हज़ार की EMI भर रहे हैं. अगर आप साल में एक बार 2-3 लाख की प्री-पेमेंट करते हैं, तो ये रकम आपके मूलधन को तेज़ी से घटाएगी. नतीजा, आपका ब्याज कम होगा और लोन की अवधि भी 2-3 साल कम हो सकती है. लेकिन ध्यान रहे, कुछ बैंक प्री-पेमेंट पर थोड़ा चार्ज वसूलते हैं, तो पहले अपने बैंक से इसकी डिटेल्स चेक कर लें. आजकल RBI के नियमों के मुताबिक फ्लोटिंग रेट वाले होम लोन पर प्री-पेमेंट पेनल्टी नहीं लगती, लेकिन फिर भी कन्फर्म करना ज़रूरी है.
EMI बढ़ाने का जुगाड़
अगर आपकी सैलरी में इजाफा हुआ है या आपकी कमाई का कोई और ज़रिया बढ़ गया है, तो आप अपनी मंथली EMI को बढ़ाने का ऑप्शन चुन सकते हैं. अब ये सुनकर आपको लगेगा कि EMI तो पहले ही सिरदर्द है, इसे और क्यों बढ़ाएं? लेकिन रुकिए, ज़रा हिसाब लगाइए. अगर आप अपनी EMI बढ़ाते हैं तो आपका लोन जल्दी खत्म होगा, क्योंकि ज्यादा पैसे सीधे आपके मूलधन को कम करने में लगेंगे. इससे न सिर्फ लोन की अवधि कम होगी, बल्कि ब्याज का बोझ भी हल्का होगा.
उदाहरण के लिए, अगर आप 40 लाख के लोन पर 10% ब्याज दर के साथ 20 साल के लिए 40,000 की EMI भर रहे हैं, और अब आप 50,000 की EMI भरने की स्थिति में हैं, तो आप बैंक से बात करके EMI बढ़ा सकते हैं. इससे आपका लोन 20 साल की जगह 15 साल या उससे भी कम वक्त में खत्म हो सकता है. लेकिन हां, EMI बढ़ाने से पहले अपनी फाइनेंशियल सिचुएशन को अच्छे से चेक कर लें, क्योंकि हर महीने ज्यादा EMI देना आपके बजट पर असर डाल सकता है.
लोन रीफाइनेंस का दांव
अब अगर आपको लगता है कि आपका बैंक आपसे ज़्यादा ब्याज वसूल रहा है, तो लोन रीफाइनेंसिंग एक शानदार ऑप्शन हो सकता है. मतलब आप अपने मौजूदा लोन को किसी दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर लेते हैं, जहां ब्याज दर कम हो. मान लीजिए, आपका मौजूदा बैंक 9% ब्याज ले रहा है, लेकिन दूसरा बैंक 8% पर लोन दे रहा है. इस 1% के फर्क से आप लाखों रुपये बचा सकते हैं, खासकर अगर लोन की राशि बड़ी है और अवधि लंबी है.
रीफाइनेंसिंग में दूसरा बैंक आपके मौजूदा बैंक को लोन की बाकी राशि चुकता कर देता है, और फिर आप नई ब्याज दर पर नए बैंक को EMI भरते हैं. ध्याम रहे इस प्रोसेस में आपको कुछ प्रोसेसिंग फीस, स्टैंप ड्यूटी, या दूसरे चार्जेज देने पड़ सकते हैं, लेकिन लंबे वक्त में कम ब्याज दर की वजह से आपको फायदा होगा.
रीफाइनेंसिंग से पहले कुछ चीज़ें चेक करना ज़रूरी है. पहला, नए बैंक की ब्याज दर और टर्म्स अच्छे से समझ लें. दूसरा, अपने मौजूदा बैंक से बात करें, क्योंकि कई बार वो भी ब्याज दर कम करने को तैयार हो जाते हैं, ताकि आप लोन ट्रांसफर न करें. तीसरा, रीफाइनेंसिंग के सारे कॉस्ट (जैसे प्रोसेसिंग फीस) को कैलकुलेट करें और देखें कि क्या ये सचमुच फायदेमंद है.
होम लोन टॉप-अप का फायदा
कई बार लोग होम लोन के साथ टॉप-अप लोन लेते हैं, जिसका इस्तेमाल वो घर की मरम्मत, रिनोवेशन, या दूसरी ज़रूरतों के लिए करते हैं. लेकिन अगर आप होम लोन जल्दी खत्म करना चाहते हैं, तो इस टॉप-अप लोन को प्री-पेमेंट में इस्तेमाल कर सकते हैं. मान लीजिए, आपको 5 लाख का टॉप-अप लोन मिला, तो इसे अपने होम लोन के मूलधन में डाल दें. इससे आपका लोन तेज़ी से कम होगा.
हालांकि, टॉप-अप लोन लेने से पहले ये देख लें कि इसकी ब्याज दर और शर्तें आपके मौजूदा होम लोन से बेहतर हों. वरना, आप और ज़्यादा ब्याज के जाल में फंस सकते हैं.
