महज छह सौ रुपये न देने पर पूर्ति गुप्ता की हत्या उनके हिस्ट्रीशीटर पिता संजय गुप्ता ने की थी। घटना से पहले दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। उस समय तो पत्नी व बेटे ने बीच बचाव करा दिया, लेकिन हत्यारोपी ने सोते समय बेटी के गले पर खुखरी से प्रहार करके उनकी जान ले ली। साक्ष्य छिपाने में शामिल मां को भी जेल भेजा गया है।
यह है पूरा मामला
चौक के भारद्वाजी मुहल्ला स्थित मायके में रह रहीं पूर्ति गुप्ता की गुरुवार रात घर में ही हत्या कर दी गई थी। मां वंदना ने अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी लिखाई थी। जिस बेड पर पूर्ति लेटी थीं। उनकी मां व डेढ़ वर्ष की बेटी भी पास में सो रहे थे। जबकि पिता पास में ही चारपाई पर लेटा था।
वंदना ने आहट तक न मिलने की बात कही थी, लेकिन घटनास्थल की परिस्थितियां देख पुलिस का शक उन लोगों पर गहरा गया था। पूर्ति की अंत्येष्टि के बाद पूछताछ की गई तो वंदना ने पूरा सच बता दिया। शनिवार दोपहर दोनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
मुंह व हाथ पर गिरे खून के छींटे तो खुली आंख
वंदना ने बताया कि घर का खर्च चलाने के लिए 13 जून को उसने पूर्ति के साथ 19 हजार रुपये में एक सराफा की दुकान पर पति की सोने की अंगूठी बेच दी थी। पूर्ति ने कुछ दिन पूर्व संजय से छह सौ रुपये लिए थे जो उसने इशारे से वापस मांगे, लेकिन बेटी ने यह कहकर मना कर दिया कि अभी घर का सामान खरीदना है।
इस पर गुस्साए पति ने खुखरी निकालकर पूर्ति को मारने की कोशिश की, लेकिन उस समय मौजूद बेटे पवन गुप्ता व उसके दोस्त हर्ष अग्रवाल ने बीच बचाव कर दिया। संजय तब भी खुखरी दिखाकर गर्दन काटने का इशारा कर रहा था।
कुछ देर बाद पवन व उसका दोस्त हरिद्वार के लिए चले गए। रात में पूर्ति ने माइक्रोनी बनाई, लेकिन पिता को नहीं दी, जिससे वह और भड़क गया। वंदना ने बताया कि वह रात में वह, पूर्ति व नातिन जाह्नवी के साथ एक बेड पर सो गई। जबकि पति उसी कमरे फोल्डिंग चारपाई पर लेट गया। कमरे के दरवाजे अंदर से बंद थे।
रात लगभग सवा 12 बजे संजय हाथ में खुखरी लेकर आया और पूर्ति के गले पर वार कर दिया। उसके चिल्लाने के साथ ही खून के छींटे हाथ व मुंह पर आए तो आंख खुल गई। तभी पति ने दूसरी बार बेटी के गले पर वार किया। वह घायल होकर बरामदे में भागी, लेकिन वहां पर गिर गई और उसकी मृत्यु हो गई।
बरामदे तक बिखरा था खून
बेड से बरामदे तक खून पड़ा था। रात दो बजे उसने पवन को दो बार कॉल करके पूरी जानकारी दी। इस बीच संजय उसके सामने रोने लगा तो उसे बचाने के लिए खुखरी को अलमारी के अंदर छिपा दिया। अपने चेहरे पर लगे खून को साफ कर दिया।
इसके बाद पड़ोसियों व पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस बेटे की तलाश में जा रही थी। जिससे वह डर गई। पति को लेकर कहीं भागने की कोशिश में थी तभी पुलिस आ गई।
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दहाड़े मारकर रोया, भाइयों के साथ दी थी मुखाग्नि
वंदना ने पुलिस को बताया था कि संजय को कुछ वर्ष पूर्व पैरालिसिस का अटैक पड़ा था, जिसके बाद से वह ज्यादा चल नहीं पाता है। वह बोल भी नहीं पाता है। उसके हाथ ज्यादा काम नहीं करते हैं। उसकी देखभाल वह और बेटी ही करते हैं। इसलिए उस पर किसी को शक भी नहीं हुआ।
एएसपी सिटी संजय कुमार ने बताया कि संजय ज्यादा बोल नहीं पाता है, लेकिन वह चलने फिरने में सक्षम है। घटना के बाद वह पोस्टमार्टम हाउस पर नहीं गया था। वहां वंदना अकेली ही थी। अपने हाव भाव से वह सामान्य बनी रही। संजय ने शाम में भाइयों के साथ जाकर बेटी की चिता काे मुखाग्नि भी दी। बीच में कई बार दहाड़े मारकर रोया। तब तक किसी को यह उम्मीद नहीं कि हत्या उसने की होगी।
16 प्राथमिकी हैं दर्ज
संजय हिस्ट्रीशीटर है उस पर रेलवे में चोरी के 16 प्राथमिकी दर्ज हैं। जिनमें पांच मुकदमे हरदोई, एक खीरी में दर्ज है। अधिकांश मुकदमे जीआरपी में लिखे गए हैं। उस पर आबकारी अधिनियम, शस्त्र अधिनियम, चोरी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज हैं।
फादर्स डे से एक दिन पूर्व जेल गया पिता
बेटी की जान लेने वाला पिता फादर्स डे की पूर्व संध्या पर जेल गया। वहीं उसने डेढ़ वर्ष की नातिन से मां का आंचल भी छीन लिया। दरअसल पति कमल से विवाद के बाद पूर्ति दो वर्ष से अधिक समय से मायके में ही रहती थी।
पुलिस ने शुक्रवार को जाह्नवी को पूर्ति के ताऊ चंद्रमोहन की सुपुर्दगी में दे दिया था, लेकिन अब संजय व वंदना के जेल जाने के बाद उन्होंने भी बच्ची के पालन में असमर्थता जताई है।
एएसपी सिटी ने बताया कि बच्ची को बाल कल्याण समिति के समक्ष ले जा जाया गया। वहां से जो आदेश होगा उसके आधार पर उसे सुपुर्दगी में दिया जाएगा।