जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर गाँव सनावादिया के शासकीय माध्यमिक स्कूल के छात्रों के साथ उनके शिक्षक और हेडमास्टर होली मनाने के प्राकृतिक रंग बनाने का प्रशिक्ष्ण लेने आए । कार्य्शाला की शुरुआत छात्रों द्वारा की गई प्रार्थना से हुई । सेंटर की निदेशिका , जनक पलटा मगिलिगन ने सभी का स्वागत कर कहा इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य बचाना है। इसके बाद उन्होंने
दिल्ली से आए मुख्य अतिथि विख्यात एनर्जी विज्ञानक प्रो रामेश्वर साहनी ,तथा आई आई टी बी एच यू के पूर्व निदेशक प्रो राजीव संगल का परिचय दिया । राजीव संगल ने होलिका और भक्त प्रल्हाद की पुरातन कहानी सुनाई कहा यह सच की जीत का त्यौहार है प्राकृतिक रंग सच है इन्ही से होली खेलना है । एक छात्र ने पुछा केमिकल और प्राकृतिक कलर में क्या फर्क है प्रो साहनी ने बताया केमिकल कलर लैब में बनते है बनावटी रसायन हमारे स्वास्थ्य को हानिकारक है यह रंग पानी के साथ जाकर जमीन को भी बीमार करते है प्राकृतिक कलर पेड़ पौधों से बनते है ,यह शुद्ध है असली है ।
जनक पलटा मगिलिगन के साथ पलाश पोई, गुलाब व् बोगनविलिया से प्राकृतिक रंग बनाये और एक दुसरे को तिल्क लगाया , उनके चहेरो पर चमक व् उत्साह के शब्द निकले “अब इस बार हम सब अपने असली होली के रंग बनाकर खुद भी शुद्ध होली सीखेंगे और आस पास भी सिखायेंगे ” वहा उपस्थित शिक्षक भी अचंभित हो उठे ! कौशल सर ने जनक दीदी का धन्यवाद दिया और संकल्प लिया अपने अपने परिवार सभी को इको-फ्रेंडली होली के रंग बनाना सिखा कर पवित्र होली मनाएंगे”