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इंदौर। जिम्मी और जनक मगिलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवेलपमेंट द्वारा पद्मश्री डॉ. (श्रीमती) जनक पल्टा मगिलिगन के दिवंगत पति, श्री जेम्स (जिम्मी) मगिलिगन ओ.बी.ई. की 14वीं पुण्यतिथि के अवसर पर 15 से 21 अप्रैल 2025 तक “जिम्मी मगिलिगन सस्टेनेबल डेवलपमेंट स्मृति सप्ताह” का आयोजन किया जा रहा है।
इस सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम का उद्देश्य सभी आयु वर्ग के अधिक से अधिक लोगों को भारत में 2030 तक संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) की प्राप्ति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित और सशक्त बनाना है।
ब्रिटेन के उत्तरी आयरलैंड से आए श्री जिम्मी मगिलिगन ने अपना व्यवसाय और घर-परिवार छोड़कर भारत को अपनी कर्मभूमि बनाया और यूके बहाई पायनियर के रूप में सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित किया। वे 1986 से 2011 तक 25 वर्षों तक बरली ग्रामीण महिला संस्थान के प्रबंधक रहे, जहाँ उन्होंने हजारों निरक्षर ग्रामीण लड़कियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, जैविक खेती, सौर ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण और स्वावलंबन का प्रशिक्षण दिया।
उनके मार्गदर्शन में बरली परिसर को एक आदर्श सस्टेनेबल डेवलपमेंट मॉडल में परिवर्तित किया गया। उन्होंने देश में पहली बार बड़े स्तर पर सोलर थर्मल किचन स्थापित किया, जिसमें एक बार में 150 लोगों का भोजन तैयार होता है। इससे साल भर में 300 दिन लकड़ी की खपत और गैस सिलेंडरों की बचत होती है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने झाबुआ, धार, और श्रद्धानंद आश्रम जैसे क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित रसोईघर स्थापित कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सनावदिया गांव में उन्होंने अपनी पत्नी जनक जी के साथ मिलकर 2 KW विंड-सोलर हाइब्रिड सिस्टम स्थापित किया, जो पिछले 15 वर्षों से 50 आदिवासी परिवारों को निःशुल्क बिजली उपलब्ध करा रहा है। 21 अप्रैल 2011 को एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में श्री जिम्मी मगिलिगन का निधन हो गया। उनकी स्मृति में डॉ. जनक पल्टा मगिलिगन ने अपने घर को जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवेलपमेंट में परिवर्तित कर दिया, जहाँ आज तक 1,82,900 से अधिक लोगों को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
डॉ. जनक पल्टा न केवल जैविक सेतु की सह-संस्थापक हैं बल्कि भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की ब्रांड एंबेसडर भी हैं। वे लगातार देश-विदेश के विद्यार्थियों, इंटर्न्स, स्टार्टअप्स और समाजसेवियों को सतत विकास के लिए प्रशिक्षित कर रही हैं।
यह सप्ताह न केवल जिम्मी मगिलिगन की प्रेरणादायक जीवन यात्रा को स्मरण करने का अवसर है, बल्कि यह सस्टेनेबल फ्यूचर की दिशा में जन-सक्रियता और भागीदारी को प्रोत्साहित करने का भी मंच बनेगा।
