पाकिस्तान को हाल ही में IMF (International Monetary Fund) ने एक बिलियन डॉलर क बैल आउट दिया है. पाकिस्तान को समय समय IMF जैसे संगठनों से आर्थिक मदद मिलती रही है. इस समय भारत के दूसरे पड़ोसी बांग्लादेश भी आर्थिक संकट से गुजर रहा है और वहां की अंतरिम सरकार ने विदेश मदद की गुहार लगाई है. लेकिन वित्त सलाहकार के हालिया बयान से जाहिर हो रहा है कि बांग्लादेश को विकास के लिए IMF के पैसे की जरूरत नहीं है.
वित्त सलाहकार सलाहुद्दीन अहमद ने धन लेजाने वालों को बहुत चालाक बताया और इस बात पर जोर दिया कि इस पैसे की वसूली एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया है. साथ ही कहा इस पैसे के वापस आने के बाद बांग्लादेश को बड़ा आर्थिक लाभ होगा.
IMF की हमें नहीं जरूरत
जिस IMF की मदद से पाकिस्तान का हुक्का पानी चल रहा है. बांग्लादेश के मंत्री कह रहे हैं कि उन्हें उसकी जरूरत नहीं है. मंगलवार को उस्मानी मेमोरियल ऑडिटोरियम में 2025-26 वित्तीय वर्ष के लिए बजट के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “अगर हम लूटे गए पैसे को वापस पा सकें, तो हमें IMF के बजट समर्थन की जरूरत नहीं होगी.” उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया, जिसमें एक से डेढ़ साल का समय लगने का अनुमान है, पहले ही शुरू हो चुकी है.
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लूटा हुआ पैसा वापस बांग्लादेश लाएगी अंतरिम सरकार
पैसे को वापस लाने की कोशिशों के बारे में बताते हुए सलाहुद्दीन ने बताया कि बांग्लादेश बैंक के गवर्नर के नेतृत्व में यह प्रक्रिया जारी, लेकिन इसमें कई चुनौतियां हैं. उन्होंने कहा, “इसमें नाइजीरिया को 20 साल लग गए. हम प्रगति कर रहे हैं, लेकिन इसमें समय लगेगा.” उन्होंने कहा कि अगर पैसा वापस आ गया तो ये IMF जैसे बाहरी समर्थन पर निर्भरता कम करेगा. अंतरिम सरकार आरोप लगा रही है कि शेख हसीना के लोगों ने देश से पैसे को विदेश पहुंचाया और विदेशों में अरबों की प्रॉपर्टी खरीदी है.
