U.S. military transgender: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ट्रांसजेंडर्स के खिलाफ हैं. अब उन्होंने पूर्व राष्ट्रपतियों बाइडेन-ओबामा द्वारा लागू की गई नीतियों को पलटते हुए सेना से ‘ट्रांसजेंडर विचारधारा’ को खत्म करने का फैसला किया है. ट्रंप ने घोषणा की है कि वे इसे खत्म करने के लिए एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करने वाले हैं. इसे लेकर ट्रंप की खासी आलोचना शुरू हो गई है. लोगों का कहना है क इससे सेना तैयारी पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है. साथ ही ट्रंप के इस रूख ने एलजीबीटीक्यू अधिकारों पर बहस भी छेड़ दी है.
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यूएस आर्मी में 15 हजार ट्रांसजेंडर्स
अनुमानित तौर पर अमेरिका की मिलिट्री अभी 15,000 ट्रांसजेंडर सेवा में हैं. ट्रंप के “ट्रांसजेंडर विचारधारा” को खत्म करने के निर्णय से सशस्त्र बलों से एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों की वापसी हो सकती है. वहीं अमेरिकी सेना में 20 लाख सैनिक हैं. ऐसे में ट्रांसजेंडर्स को हटाने से सेना की क्षमता पर ठोस असर पड़ सकता है, खासकर कि ऐसे समय में जब भर्ती चुनौतियां बढ़ रही हैं.
सोमवार को मियामी में रिपब्लिकन कांग्रेस के रिट्रीट में ट्रंप ने इस नीति को “चार नए कार्यकारी आदेशों” में से एक बताया, जो वह सेना के लिए लागू करने जा रहे हैं.
दुनिया की सबसे घातक लड़ाकू सेना
ट्रंप ने ट्रांसजेंडर लोगों को सेना में अनुमति ना देने के अपने विरोध को दोहराते हुए कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारे पास दुनिया की सबसे घातक लड़ाकू शक्ति है, हम अपनी सेना से ट्रांसजेंडर विचारधारा को पूरी तरह से बाहर निकाल देंगे.”
ट्रंप की इस घोषणा से सशस्त्र बलों में ट्रांसजेंडर अमेरिकियों को शामिल करने पर एक विवादास्पद बहस फिर से शुरू हो गई है. यह एक ऐसा मुद्दा है जिसने पिछले दशक में नाटकीय नीतिगत बदलाव देखे हैं. ट्रांसजेंडर सेवा सदस्यों पर प्रतिबंध पहली बार 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन के दौरान हटा दिया गया था, जिससे उन्हें खुले तौर पर सेवा करने की अनुमति मिल गई और 2017 में ट्रांसजेंडर भर्ती में शामिल होने का रास्ता बना था. इसके बाद ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में इसे पलटने की बात कही लेकिन उसे लागू करने में देरी हो गई थी.
अब ट्रंप इसमें देरी नहीं करना चाहते हैं और शपथ लेने के बाद तुरंत ही ट्रांसजेंडर्स को सेना से बाहर करने के लिए आदेश पारित कर रहे हैं. शपथ लेते ही ट्रंप ने घोषणा कर दी थी कि अमेरिका में केवल 2 जेंडर ही होंगे- मेल और फीमेल. यहां थर्ड जेंडर नहीं होगा.
