बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पांचवां मैच सिडनी में खेला जाना था, मगर उससे पहले ही कप्तान रोहित शर्मा ने खुद को ड्रॉप करने का फैसला सुनाकर सबको चकित कर दिया था. पूरे क्रिकेट जगत को आभास था कि रोहित का प्लेइंग इलेवन से बाहर होना, सीधे तौर पर रिटायरमेंट की ओर इशारा कर रहा था. मगर सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन रोहित ने एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने टीम के हित में प्लेइंग इलेवन से बाहर बैठने का निर्णय लिया था और वो संन्यास नहीं ले रहे हैं.
अब TOI की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रोहित शर्मा का रिटायरमेंट पर यू-टर्न लेना हेड कोच गौतम गंभीर को बिल्कुल पसंद नहीं आया था. इस रिपोर्ट में दावा हुआ है कि रोहित ने मेलबर्न टेस्ट के बाद ही रिटायरमेंट का मन बना लिया था, लेकिन बाहरी सपोर्ट और शुभचिंतकों के कारण उन्होंने अपना फैसला बदल लिया था. टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से एक सूत्र ने बताया, “रोहित शर्मा ने मेलबर्न टेस्ट के बाद मन बना लिया था. अगर रोहित के शुभचिंतकों ने उन्हें अपना मन बदलने के लिए मजबूर ना किया होता तो हमें ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर एक और दिग्गज की रिटायरमेंट देखने को मिल सकती थी.”
याद दिला दें कि सिडनी टेस्ट शुरू होने से पूर्व गौतम गंभीर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. उसमें गंभीर ने रोहित शर्मा को प्लेइंग इलेवन में शामिल किए जाने पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया था. वहीं इस हालिया रिपोर्ट अनुसार रोहित ने अपनी रिटायरमेंट पर यू-टर्न तो लिया, लेकिन उनका यह फैसला कोच गौतम गंभीर को पसंद नहीं आया.
रोहित शर्मा रिटायरमेंट पर क्या कहा?
रोहित शर्मा ने सिडनी टेस्ट के बाद अपनी रिटायरमेंट को लेकर कहा था कि वो नहीं जानते कि अगले 5 महीनों या 2 महीनों में क्या होगा? उनका ध्यान केवल वर्तमान पर है, चूंकि उनका बैट नहीं चल रहा था, इसलिए उन्होंने टीम के हित में खुद को टीम से बाहर रखने का फैसला लिया था. साथ ही उन्होंने साफ शब्दों में यह भी कहा कि वो रिटायर नहीं हो रहे हैं और उम्मीद भी जताई कि जिंदगी रोज बदलती है, शायद उनकी फॉर्म भी बदलेगी.