जयपुर। राजस्थान में आयोजित होने जा रहे *’राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’* ने देश-विदेश में चर्चा का केंद्र बना लिया है। भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख नेता और राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (आरएएनए) के अध्यक्ष प्रेम भंडारी ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे राज्य के विकास में एक ऐतिहासिक कदम बताया।
राजस्थान, जो पहले से ही पर्यटन, सौर ऊर्जा और खनन जैसे क्षेत्रों में अपनी पहचान बना चुका है, अब कपड़ा उद्योग में भी वैश्विक नेता बनने के लिए तैयार है। प्रेम भंडारी ने इस अवसर को बांग्लादेश के बदलते परिदृश्य के मद्देनजर “सुनहरा मौका” बताया। भीलवाड़ा, पाली और जोधपुर जैसे कपड़ा हब पहले से ही इस दिशा में उत्कृष्टता का प्रतीक हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन और समर्थन ने इस शिखर सम्मेलन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की उम्मीद जगाई है। भंडारी ने कहा, “मोदी जी का नेतृत्व वैश्विक निवेशकों को स्थिरता और विकास की गारंटी देता है। उनके प्रयासों से यह सम्मेलन न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे भारत के लिए एक नया मानदंड स्थापित करेगा।”
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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इस शिखर सम्मेलन को राज्य के औद्योगिक विकास में “मील का पत्थर” करार दिया। खनन, पत्थर, शिक्षा, चिकित्सा और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाएं तलाशने के लिए यह मंच राज्य को वैश्विक निवेश का केंद्र बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। इस ग्लोबल समिट के ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने के लिए उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने रात दिन कड़ी मेहनत की है।
भंडारी ने अतीत के शिखर सम्मेलनों की याद दिलाई, जहां बड़ी घोषणाओं के बावजूद केवल सीमित सफलता मिल सकी। लेकिन उन्होंने इस बार आशा व्यक्त की कि मोदी के नेतृत्व और सरकार की स्पष्ट नीतियों के साथ, यह शिखर सम्मेलन ठोस परिणाम देगा। उन्होंने राजस्थान सरकार से अपील की कि वे व्यापार के अनुकूल माहौल बनाने और निवेशकों के साथ सक्रिय संवाद स्थापित करने में ध्यान केंद्रित करें।
‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट’ न केवल राजस्थान के आर्थिक परिदृश्य को बदलने वाला साबित होगा, बल्कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के 2047 के सपने को भी मजबूती देगा।
यह सम्मेलन, 9 से 11 दिसंबर तक जयपुर के सीतापुरा में आयोजित किया जाएगा। उम्मीद है कि यह न केवल निवेशकों का ध्यान आकर्षित करेगा, बल्कि राजस्थान को एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करेगा।
यह पहल राजस्थान के उज्ज्वल भविष्य और भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत का एक प्रतीक बनेगी।