प्रार्थना पत्र में बताया गया है कि 30 सितंबर 2013 को मुख्यमंत्री के खिलाफ एक मामले में कोर्ट में चालान पेश किया गया था, जो पिछले 11 साल से लंबित है। मुख्यमंत्री, जो प्रदेश के प्रशासनिक कार्यों के चलते अक्सर बाहर जाते हैं, अब “राइजिंग राजस्थान” कार्यक्रम के तहत विदेशी निवेशकों से बातचीत और प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए यूके और जर्मनी की यात्रा करने वाले हैं।
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मुख्यमंत्री ने कोर्ट से निवेदन किया है कि वे इस यात्रा के बाद बिना किसी देरी के वापस आ जाएंगे और उन्होंने पहले भी अदालत की शर्तों का पालन किया है। इस यात्रा के लिए उन्हें कोर्ट की मंजूरी लेने की जरूरत है, ताकि कोई नया विवाद उत्पन्न न हो।
बता दें कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और अन्य आरोपियों को 2011 में भरतपुर के गोपालगढ़ में हुए साम्प्रदायिक दंगों से जुड़े एक मामले में 10 सितंबर 2013 को अदालत ने सशर्त अग्रिम जमानत दी थी। जमानत की शर्तों में यह भी शामिल था कि वे बिना कोर्ट की अनुमति के विदेश यात्रा नहीं कर सकते। हाल ही में सांवरमल नामक व्यक्ति ने अदालत में यह आरोप लगाते हुए एक प्रार्थना पत्र दायर किया था कि भजनलाल शर्मा बिना अनुमति के विदेश गए थे और उनकी अग्रिम जमानत रद्द की जाए।
