पिछले कुछ सालों में संपत्ति की कीमतों में निरंतर बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिससे लोगों के लिए घर खरीदना और भी कठिन हो गया है। देश भर में संपत्ति की कीमतें काफी ज्यादा हो गई हैं। वहीं, प्रॉपर्टी की कीमतें कुछ शहरों में बहुत कम हैं (property rate update)। शहरों में प्रॉपर्टी रेटा केवल मॉर्डन फैसिलिटी के आधार पर बढ़ता है। ऐसे में, आइए जानते हैं कि आपके शहर में संपत्ति की कीमतें बढ़ी या घटी हैं।
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RBI जारी करता है दस बड़े राज्यों का HPI
आरबीआई ने देश के दस प्रमुख शहरों का आवास मूल्य सूचकांक (HPI) बनाया था। इसमें मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बंगलूरू, लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, कानपुर और कोच्चि शामिल हैं। राज्य की संपत्ति दर इन सूचकांकों से निर्धारित होती है। राज्य सरकारों के पंजीकरण अधिकारियों से संपत्ति मूल्य लेनदेन के आधार पर ही इस सूचकांक को बनाया जाता है।
इन शहर में संपत्ति की कीमतें बढ़ी-
आरबीआई ने 2024-25 के वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही का एचपीआई जारी किया है। एचपीआई इस बार 4.3% बढ़ा है। इसके अलावा, पिछली तिमाही (quarter past me property rate) में 3.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
एचपीआई एक साल में 3.5 प्रतिशत बढ़ा। गृह मूल्य सूचकांक में प्रत्येक शहर में काफी अंतर है। जानकारी के लिए बता दें कि बंगलूरू में संपत्ति की दरें सबसे अधिक बढ़ी हैं। यहां पर संपत्ति दरों में 8.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
इन शहरों में संपत्ति की कीमतें बढ़ी, जबकि कानपुर में कमी आई-
यदि कानपुर में संपत्ति की कीमतों की बात करें तो यहां पर दो प्रतिशत की गिरावट देखने को मिलती है। जिससे स्थानीय लोगों को संपत्ति खरीदना आसान हो गया है। वहीं, संपत्ति की कीमतों में 0.1 प्रतिशत की तेजी हुई है, जो अहमदाबाद, लखनऊ, कोलकाता और चेन्नई में देखा गया है।
यही नहीं, अप्रैल से जून के बीच लखनऊ और कानपुर में संपत्ति की दरों में लगभग सात प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जिससे स्थानीय लोगों के लिए संपत्ति खरीदना और भी कठिन हो गया है। हाल ही में सबसे महंगी संपत्ति कोलकाता में थी, लेकिन इस बार बंगलूरू में है।
जानें भारत के दस प्रमुख शहरों की घर की कीमतों की सूची-
मुंबई 0.4, दिल्ली 1.8, चेन्नई 5.3, कोलकाता 8.9, बंगलूरू 8.5, लखनऊ 0.7, अहमदाबाद 8.6, जयपुर 2.5, कानपुर 4.1, कोच्चि 5.5।