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December 21, 2024 6:37 pm

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सनावदिया: जनक दीदी ने 54 पौधे लगाकर मनाया 39 वां “रक्षा-बंधन”

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सन 1986 से लेकर ,पिछले 38 वर्षों की तरह 19 अगस्त 2024 को जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट की निदेशक डॉ. जनक पलटा मगिलिगन (जनक दीदी) ने अपना 39 वां “रक्षा-बंधन” का पावन त्यौहार अपने राखी वाले भाई राजेंद्र ओचानी के साथ सनावदिया में अपने घर गिरिदर्शन के पीछे दुतनी पर्वत पर पौधारोपण कर मनाया। भारतीय त्योहार ,रक्षा- बंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते/ बंधन का प्रतीक है । भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वायदा करता है। जनक दीदी के इस “रक्षा-बंधन” उत्सव को सभी की रक्षा के लिए पौधरोपण कर मनाती है । कार्यक्रम की शुरुआत डॉ नीरजा पौराणिक ने सभी के साथ ईश्वर के आशीर्वाद , शांति , सद्भावना के लिए म्न्त्रौचार किया और जनक दीदी ने बहाई पवित्र लेखों का सस्वर पाठ और ईशवंदना से शुरू कर पौधरोपण किया सभी ने मिलकर करंज के 54 पौधे रोपे ।

इस मौके पर जनक दीदी ने लगातार पिछले 38 साल से राखी के दिन पौधरोपण करने की सफ़ल ,गौरवशाली और दिलचस्प कहानी सुनाई । जिसकी शुरुआत 1986 में जनक दीदी के साथ इंदौर से दिल्ली मालवा एक्सप्रेस रेल -यात्रा में सहयात्री एक सिन्धी भाई राजेंदर ओचानी (जो इस फोटो में जनक दीदी के साथ पौधारोपण करते दिख रहे हैं ) दीदी के सेवा कार्यों से प्रेरित हुए । वापस आकर उन्हें अपनी पत्नी ज्योति के साथ मिलने जाया करते थे और 1986 में राखी से सप्ताह पहले उन्होंने दीदी से राखी – बांधने की गुज़ारिश की ,वो बहुत सहजता से मान गयी । लेकिन उनका मुंह माँगा उपहार बहुत असहज था ! राखी के सन्दर्भ में बड़ी सहजता से ज्योति भाभी ने दीदी से पूछा उन्हें सूट ज्यादा पसंद है या साड़ी ? तो इस पर्यावण प्रेमी जनक दीदी राखी के उपहार स्वरुप पेड़ का रोप ही माँगा और कहा ” सूट साड़ी ,बहन-भाई सभी का एक दिन अंत होता है ” । लेकिन पेड़ हमेशा रहते है , हमें प्राणवायु ,छाया, फल देते है ! वही से बरली संस्थान ‘बहाई भवन भमोरी’ के प्रांगण में हम दोनों बहन भी ने मिलकर पहला पौधा रोपा था ,तब से आज तक पेड़ लगाने का सिलसिला जारी है। “। इंदौर में 1986 से उनके राखी-वाले भाई राजेंदर ओचानी और दीदी के चाहने वाले प्रयावर्णप्रेमी साथी भाई- बहन मिल 2011 तक बरली संस्थान में रक्षाबंधन का उत्सव मनाते उसे हरा भरा करते रहे । वहां से सेवानिवृत होकर गाँव सनावादिया निवासी हुई तभी हर साल राखी अभी तक 39 वे “रक्षा-बंधन” के पावन अवसर पर गाँव सनावदिया स्थित अपने निवास “गिरिर्शन’ के ठीक पीछे दूतनी पहाड़ी को जन्मदिन और रक्षाबंधन को पौधारोपण कर ही मनाती है। क्योंकि पेड़ ही हमारी और सभी प्राणियों की रक्षा करते । पेड़ पौधे रहेंगे तो भाई बहन और सृष्टि रहेगी ।

इस दिन सामूहिक रूप से पेड़-पौधे लगाकर पर्यावरण की रक्षा की जाती है। जनक दीदी के साथ हर साल, वृक्षमित्रों की संख्या बढ़ रही है। जनक दीदी के 39वें राखी समारोह में महाराष्ट्र, धुले और जलगाँव के चांडक परिवार के 9 सदस्य ,इंदौर , सनावादिया और आस पास के गाँव से 30 भाई-बहन शामिल हुए, और पेड़ों के मित्रों में राजेंद्र ओचानी, नंदा और राजेंद्र चौहान, डॉ. नीरजा पौराणिक, सामाजिक कार्यकर्ता मनोरमा मेनन (पत्नी) पदमश्री कुट्टी मेनन जी, डॉ. उषा उकांडे प्रिंसिपल नर्सिंग कॉलेज, सोलर इंजीनियर सुसुमिता भट्टाचार्यजी, शिक्षाविद भारती बत्रा अपने समस्त परिवार के साथ, प्रो राजीव संगल (सेवानिवृत्त) निदेशक आईआईटी बीएचयू और ट्रिपल आईआईटी हैदराबाद, उनकी पत्नी श्रींमती निशा संगल , बहन रेणु गुप्ता ,श्रीमती देबजानी पात्रा ,सदस्य नर्मदा कंट्रोल अथॉरिटी, भारत जाट आईटी प्रोफेशनल, नीलेश मास्टर ऑफ सोशल वर्क के निलेश ,पूजा, दीदी की इंटर्न तुहिना उसकी ,बहन डॉक्टर , पेड प्रेमी प्रणीत और सृष्टि ,स्थानीय पडोसी श्री इंद्र भंडारी उनके अपने बेटे – भारत भंडारी, बेटी , ममता उसके पति, युवा महेंद्र धाकड़ और योगिता धाकड़ के साथ अधिकांश जनक दीदी के यहां बसने के बाद 13 वर्षों से अधिक समय से सनावदिया में उनके साथ पर्यावरण बचा रहे हैं। दीदी ने सभी को आभार दिया और फ़ोटोग्राफी के लिए योगेंदर केंप को विशेष धन्यवाद दिया ।

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